हर माता पिता चाहते हैं कि वो अपने बच्चे को अच्छी परवरिश दें ताकि उनका बच्चा बड़ा होकर अच्छे संस्कारों से पोषित हो सके। ऐसा करने के लिए पेरेंट्स पूरी कोशिश करते हैं। लेकिन आज कल के समय में वर्किंग पेरेंट्स (Working Parents) अपने बच्चों पर पूरी तरह से ध्यान नहीं दे पाते। ऐसे में बच्चों पर नेगेटिव थिंकिंग (Negative Thinking) हावी होने लगती है।
बच्चे के विकास में उसका शारीरिक और मानसिक विकास (Physical and Mental Developement) बेहद एहम होता है। जो बच्चे पॉजिटिव थिंकिंग (Possitive Thinking) रखते हैं वो खुशमिज़ाज़ और हेल्थी होते हैं। जबकि जो बच्चे नकारात्मक विचार रखते हैं वो अपने जीवन में सफल नहीं हो पाते। यानी इसका सीधा असर उनके भविष्य पर पड़ता है। इन टिप्स को अपना कर आप अपने बच्चे की नेगेटिव थिंकिंग को पोसिटिव थिंकिंग में बदल सकते हैं।
परेशानी की असली वजह जानने की कोशिश करें
आप अपने बच्चे को कुछ भी समझाने से पहले उसकी परेशानी की वजह जानने की कोशिश करें। ऐसा करने से पहले आपको बच्चे की पूरी बात ध्यान से सुननी चाहिए। उसके बाद ही उन्हें पॉजिटिविटी (Possitivity) के साथ समझाने की कोशिश करें।
बच्चों को पॉजिटिव और नेगेटिव सोच में अंतर समझाएं
ऐसा कई बार होता है कि बच्चे नेगेटिव और पॉजिटिव थिंकिंग में फर्क नहीं कर पाते। ऐसे में आप बच्चों को सकारात्मक और नकारात्मक सोच की पहचान बताकर उन्हें हर तरह की परिस्थिति में पॉजिटिव बने रहना सिखा सकते हैं।
अच्छी चीज़ों पर फोकस करना सिखाएं
जिन बच्चों की सोच नेगेटिव होती है वो हर चीज़ में बुराई ढूंढने की कोशिश करते हैं। ऐसे में बच्चों को पॉजिटिविटी मेन्टेन रखने के बारे में बताएं। उन्हें समझाने की कोशिश करें कि जीवन का लक्ष्य हमेशा सकारात्मक रहकर ही प्राप्त किया जा सकता है।
खुद पॉजिटिव रहना है ज़रूरी
बच्चे अपने पेरेंट्स की आदतों को कॉपी करते हैं। ऐसे में बच्चों की नेगेटिविटी दूर करने के लिए पेरेंट्स को खुद भी पॉजिटिव रहने की ज़रूरत है। आपको भी अपने बच्चे के हर काम में गलतियाँ नहीं निकालनी चाहिए।
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