क्या कभी आप लोगों ने सोचा है कि अंतरिक्ष यात्री इतने लम्बे समय तक अंतरिक्ष में अपना जीवन यापन कैसे करते होंगे? कैसे अपनी आधारभूत जरूरतों को पूरा करते होंगे? अगर नहीं तो यह लेख आपके लिए उपयोगी हो सकता है।
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर आजकल नासा के अंतरिक्ष मिशन पर हैं। तकनीकी गड़बड़ियों के कारण उन्हें इस मिशन से लौटने में पहले ही काफी देर हो चुकी है। ऐसे में सबके मन में यह सवाल जरूर उठता होगा कि अंतरिक्ष यात्रियों के पीने का पानी कहां से आता होगा? वे अंतरिक्ष में कैसे नहाते होंगे और कैसे अपने कपड़े धोते होंगे?
ISS पर होती हैं बुनियादी जरुरतें – There are basic needs on ISS
अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर अंतरिक्ष यात्रियों की भी वहीं बुनियादी जरूरतें होती हैं, जो पृथ्वी पर हमारी हैं। उन्हें भोजन, पानी, सांस लेने के लिए हवा और शौचालय का उपयोग करने की जरूरत होती है। ISS तक कुछ भी पहुंचाना काफी महंगा है। उदाहरण के लिए, एक गैलन पानी भेजने की लागत लगभग 83,000 डॉलर आती है।
नासा ने लगाई हुई है जल प्रणाली – NASA has installed water system
प्रत्येक अंतरिक्ष यात्री को पीने और अन्य उपयोगों के लिए प्रतिदिन 12 गैलन पानी की आवश्यकता होती है। इस तरह मिशन पर कुल खर्च का एक बड़ा हिस्सा इसी में चला जाएगा। इसके अलावा पानी के टैंकों को लगातार ISS पर नहीं भेजा जा सकता है। इसलिए यहां नासा की एक जल प्रणाली है, जो पर्यावरण से उपलब्ध पीने योग्य तरल पदार्थों की आखिरी बूंद को भी निचोड़ लेती है। इससे अंतरिक्ष यात्रियों को फिल्टर्ड पानी मिलता है, जिसमे शॉवर का पानी भी शामिल होता है। आपातकालीन स्थिति के लिए स्टेशन लगभग 530 गैलन पानी भी रखता है। ISS पर ये जल प्रणालियां अंतरिक्ष यात्रियों को हाइड्रेटेड रखने के लिए प्राकृतिक वायु एवं जल के अलावा शॉवर से नमी को एकत्र करती हैं और फिर उनको फिल्टर करके पीने एवं इस्तेमाल करने योग्य पानी को तैयार करती हैं।
अमेरिका और रूस दोनों ने अलग अलग लगाई हुई हैं जल प्रणाली – Both America and Russia have installed separate water systems.
अमेरिका में अलबामा के मार्शल फ्लाइट सेंटर से ISS जल प्रणाली का प्रबंधन करने वाले लेने कार्टर के अनुसार, इसका स्वाद बोतलबंद पानी की तरह ही होता है। हालांकि सभी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के अंतरिक्ष यात्री रिसाइकिल किया हुआ पानी नहीं पीते हैं। ISS को दो खंडों में विभाजित किया गया है। एक खंड रूस द्वारा संचालित है और दूसरा अमेरिका द्वारा। उनके पास दो अलग-अलग जल प्रणालियां हैं। अमेरिकी जल प्रणाली प्रतिदिन लगभग 3.6 गैलन पीने योग्य पानी बनाने के लिए शॉवर का पानी एकत्र करती है। दूसरी ओर, रूसी अंतरिक्ष यात्री कंवल शॉवर का पानी और हवा में मौजूद पानी को एकत्र कर रिसाइकिल किया हुआ पानी पीते हैं। इसमें 3.6 गैलन से थोड़ा कम उत्पादन किया जाता है।
पानी को करना पड़ता है फिल्टर – Water has to be filtered
इसके अलावा ISS के दोनों किनारे अपने पानी को दो अलग-अलग तरीकों से कीटाणुरहित करते हैं। 1981 से नासा पानी को कीटाणुरहित करने के लिए आयोडीन का उपयोग कर रहा है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके लिए पानी को फिल्टर करने की आवश्यकता होती है, क्योंकि अत्यधिक आयोडीन थायरॉयड समस्याओं का कारण बन सकता है। 1986 में सोवियत संघ द्वारा मीर स्टेशन के लॉन्च के बाद से रूस अपने पानी को कीटाणुरहित करने के लिए चांदी का उपयोग कर रहा है।