रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रेन में कुल 440 यात्री सवार थे जिनमें से 21 को ट्रेन पर कब्जे के दौरान ही बीएलए लड़ाकों ने मार गिराया था। इनमें सेना के चार जवान भी शामिल थे। इसके बाद पाकिस्तानी सेना के ऑपरेशन में बाकी बचे 200 से ज्यादा बंधकों को छुड़ाया गया। इससे पहले बुधवार को बीएलए ने 150 से ज्यादा बंधकों को रिहा कर दिया था।
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता अहमद शरीफ चौधरी ने बताया कि हमने महिलाओं और बच्चों समेत बड़ी संख्या में बंधक बनाए गए लोगों को छुड़ा लिया है। 212 यात्रियों को बीएलए के चंगुल से छुड़ाया है। इस ऑपरेशन में 21 बंधकों की मौत हुई है और सभी 33 विद्रोहियों को मार गिराया गया है।
पाकिस्तानी सेना का दावा है कि बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन का रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो गया है। सेना ने दावा किया है कि 24 घंटे से ज्यादा चले इस ऑपरेशन में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के सभी 33 विद्रोहियों को मार गिराया गया है और उनके कब्जे से सभी बंधकों को रिहा कर लिया गया है।
BLA ने कैसे दिया हमले को अंजाम?
पाकिस्तान के क्वेटा से जाफर एक्सप्रेस मंगलवार सुबह लगभग 9 बजे पेशावर के लिए रवाना हुई थी। इस ट्रेन को दोपहर 1.30 बजे सिब्बी पहुंचना था। लेकिन बोलान के माशफाक टनल में हमला हुआ। ट्रेन जहां से गुजर रही थी, वह पहाड़ी इलाका है। यहां 17 सुरंगें हैं, जिस कारण ट्रेन की रफ्तार धीमी करना पड़ी, जिसका फायदा उठाकर बीएलए ने माशफाक में टनल नंबर-8 को उड़ा दिया। इससे ट्रेन बेपटरी हो गई और ट्रेन को हाईजैक कर लिया गया था।
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे अशांत प्रांत है। यहां 1948 से ही बलूचों और पाकिस्तानी सेना के बीच टकराव होता रहा है। बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान से अलग होने की मांग समय से कर रहे हैं। बीते कुछ समय में चीन का इस इलाके में दखल बढ़ा है। चीन इस इलाके में कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है, जिस वजह से उन पर लगातार हमले भी हो रहे हैं।