महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर (पूर्व में औरंगाबाद) के खुल्दाबाद क्षेत्र में स्थित मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल जैसे हिंदू संगठनों ने कब्र को हटाने की मांग की है, अन्यथा अयोध्या के बाबरी मस्जिद विध्वंस की तर्ज पर कारसेवा करने की चेतावनी दी है।
इन संगठनों का आरोप है कि औरंगजेब ने अपने शासनकाल में लाखों लोगों की हत्या की, हजारों मंदिरों को नष्ट किया और गायों की हत्या की। उनका मानना है कि ऐसे क्रूर शासक की कब्र का महिमामंडन नहीं होना चाहिए।
इन चेतावनियों के बाद, प्रशासन ने कब्र की सुरक्षा बढ़ा दी है। स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स (SRPF) की दो टुकड़ियां तैनात की गई हैं: एक खुल्दाबाद के मुख्य दरवाजे के पास और दूसरी नक्कारखाना दरवाजे के बाहर। स्थानीय पुलिस भी सिविल ड्रेस में बाजार, कब्र के पास और ख्वाजा बुरहानुद्दीन मजार के बाहर तैनात है। कब्र पर जाने वालों की चेकिंग के बाद ही अनुमति दी जा रही है।
इस मुद्दे पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि यह मुद्दा इतिहास से जुड़ा है और नेताओं को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए; इतिहासकारों से राय लेकर ही कोई कदम उठाना चाहिए।
वहीं, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री संजय शिरसाट ने कहा कि छत्रपति संभाजी महाराज को प्रताड़ित करने और उनकी हत्या करने वाले क्रूर शासक की कब्र के लिए महाराष्ट्र में कोई जगह नहीं है, और इसे हटा दिया जाना चाहिए।
प्रशासन स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है।