आनंद महिंद्रा ने मनुष्य की मानसिक आयु का पता लगाने के लिए मानसिक परीक्षण का तरीका साझा किया है। हावार्ड यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ़ साइकियाट्री ने मानसिक उम्र को मापने के लिए इस तरीके का परीक्षण किया। इस परीक्षण के तरीके को आनंद महिंद्रा ने अपने ट्विटर हैंडल पर अपने चाहने वालों के साथ साझा किया।
अक्सर इंटरनेट उपभोक्ताओं को अपने ऑफबीट कंटेंट से चकित करने वाले बिजनेस टाइकून आनंद महिंद्रा ने मानसिक आयु परीक्षण के तरीके को साझा किया है। महिंद्रा समूह के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा अक्सर अपने ट्विटर हैंडल पर सक्रीय रहते है। वह ट्विटर पर दिलचस्प सामग्री साझा करते है जिससे उनके अनुयाई उनसे काफी प्रभावित होतें हैं। हाल ही में उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से एक पोस्ट साझा की जिसमें उन्होंने मानसिक आयु के आकलन का तरीका साझा किया। उनकी इस पोस्ट में एक परीक्षण दिखाया गया है। जिसमें यह दावा भी किया गया है कि 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के व्यक्ति इस परीक्षण में पास नहीं हो पाएंगे।
आखिर क्या है इस परीक्षण में ?
मूल रूप से इस परीक्षण में परीक्षा के दौरान उम्मीदवार को 12 अलग– अलग वाक्यों को ज़ोर से पढ़ना होता है। इस परीक्षण के दौरान उम्मीदवारों को किसी भी प्रकार की कोई गलती नहीं करनी।
पोस्ट को शेयर करते हुए उन्होंने इसे कैप्शन दिया “मुझे यह स्वीकार करना होगा कि यह एक शानदार सटीक परीक्षा थी जिसे एक मित्र ने मुझसे लेने का आग्रह किया था। इसका परिणाम निर्विवाद है।”
उनसे प्रेरणा लेकर कुछ लोगों ने इस परीक्षण को आज़माया। उनकी तरह ही वह भी परीक्षा देकर अत्यंत खुश थे। कई लोगों ने पोस्ट को फिर से साझा किया और इस पोस्ट के बारें में अपने मनोभावों को व्यक्त किया। उन्होंने अन्य उपयोगकर्ताओं को बताया कि उन्होंने यह परीक्षा देकर कैसा महसूस किया। “यह एक शानदार परीक्षा है। बहुत बढ़िया। इसे 56 पर पास किया।” एक व्यक्ति ने लिखा। एक अन्य ने कहा,” मैं पूरी तरह से इससे जुड़ा हुआ हूँ।” वहीं कुछ लोगों की प्रतिक्रिया इसे लेकर काफी नकारात्मक रही। कुछ लोग इस परीक्षा से नाराज़ हुए। उन्होंने कहा इससे यह सिद्ध हो जाता है कि वह बूढ़े हो रहें हैं। एक व्यक्ति ने कहा कि वह आधिकारिक रूप से वृद्ध है।