फरीदाबाद-नॉएडा-गाज़ियाबाद- के बीच आवागमन होगा आसान, डायरेक्ट रूट मिटाएगा फासले

फरीदाबाद-नॉएडा-गाज़ियाबाद- के बीच आवागमन हुआ आसान, डायरेक्ट रूट मिटाएगा फासले
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अब फरीदाबाद से नॉएडा व गाज़ियाबाद जाने के लिए आपको अपना कीमती समय ज़ाया नहीं करना पड़ेगा और ना ही इसके लिए आपको दिल्ली से होकर जाने की ज़रूरत है। अब इस नई परियोजना से आप कुछ ही मिनटों में अपने गंतव्य तक पहुँच जाएंग।

फरीदाबाद-नॉएडा-गाजियाबाद के बीच की कनेक्टिविटी को मज़बूत बनाने के लिए इस योजना पर काम किया जा रहा है। इस परियोजना के लिए लोक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अंकुर गुप्ता ने उत्तर प्रदेश में विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। इसमें परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए सरकार से गुज़ारिश की गई है।

जैसे ही इस परियोजना को मंज़ूरी मिलती है वैसे ही यमुना नदी के दोनों ओर 14 किलोमीटर के दायरे में इस काम को शुरू किया जाएगा। इसमें 5 किलोमीटर फरीदाबाद जबकि 9 किलोमीटर नॉएडा में सड़क बननी है। इसके लिए लालपुर के पास यमुना नदी पर पुल बनाने का प्रस्ताव पास हो चुका है।

हरियाणा-यूपी के शहरों के बीच कम होंगी दूरियाँ

इस परियोजना से फरीदाबाद-नॉएडा-गाज़ियाबाद के बीच की दूरी काफी कम हो जाएगी। यह कनेक्टिविटी ग्रेटर फरीदाबाद से होकर जाएगी। इसके बाद गुरुग्राम से नॉएडा, ग्रेटर नोएडा व गाज़ियाबाद जाना बेहद आसान हो जाएगा। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी इस परियोजना के लिए डीपीआर तैयार करने के आदेश दे चुके हैं।

2011 का मास्टर प्लान थी यह परियोजना

2011 के मास्टर प्लान में यह परियोजना शामिल की जा चुकी है। लेकिन एक सर्वे के बाद इसे रद्द कर दिया गया था। इसके बाद केजीपी निर्मित किया गया। जिसके चलते सरकार एफएनजी के प्रति रुचि नहीं दिखाई। 2015 में इस परियोजना के तहत एक तरफ गाजियाबाद के मेरठ रोड से नॉएडा तक करीब 8 किलोमीटर और दूसरी और फरीदाबाद के रास्ते सोहना रोड तक करीब 28 किलोमीटर विकसित करने की परियोजना बनाई थी। मास्टर प्लान 2031 में एफएनजी परियोजना को शामिल किया गया था। अब दोनों अधिकारियों द्वारा इस पर नए सिरे से बात की जा रही है।

अमृता अस्पताल के पास होगा इस सड़क का निर्माण

यह अस्पताल ग्रेटर फरीदाबाद में स्थित है। इसी अस्पताल के पास से सड़क तैयार होगी जो यमुना नदी तक जाएगी। इस योजना के लिए ज़मीन के कुछ हिस्से को अधिग्रहित भी किया जा सकता है। अस्पताल की सीधी कनेक्टिविटी खेड़ीपुल से है।

एफएमडीए की होगी एहम भूमिका

इस परियोजना को लेकर एफएमडीए भी काफी सक्रीय है। एफएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर राजपाल ने इस परियोजना का स्टेटस पता किया है। उन्होंने इस पर लोक कल्याण विभाग के अधिकारियों से बात कर योजना को गति देने की बात की है।

दिल्ली से है जुड़ाव

फरीदाबाद से नोएडा व गाजियाबाद जाने के लिए दिल्ली से होकर जाना पड़ता है। इसके लिए काफी समय जाम में ही व्यर्थ हो जाता है। इस परियोजना के बाद आप इस दूरी को कुछ ही मिनटों में तय कर सकते हैं। इससे दोनों और के कामकाजी लोगों को आवागमन में आसानी होगी। इसके साथ ही इन दोनों जगहों के रियल एस्टेट सेक्टर और घर खरीदने वालों को भी लाभ मिलेगा। ग्रेटर फरीदाबाद वासी इसका सबसे ज़्यादा लाभ उठा सकेंगे। इस परियोजना के बाद यहाँ घर खरीदने की संख्या में भी इज़ाफ़ा होगा।

इस प्लान में प्रस्तावित हैं 55 सेक्टर

सभी 55 सेक्टरों को विकसित करने के लिए यह योजना बेहद महत्वपूर्ण है। यमुना नदी के नीचे कई शिक्षण संस्थाएं विकसित हो रही हैं। इस पुल के निर्माण से दोनों शहरों की अर्थव्यवस्था में भी सुधार होने की संभावना बढ़ जाएगी। मंझावली में पुलनिर्माण का कार्य जारी है। इसके निर्मित होने के बाद ग्रेटर नोएडा से सीधी कनेक्टिविटी होगी।
इस पर लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता प्रदीप संधु का कहना है कि इस परियोजना को लेकर उच्च अधिकारी भी गंभीर है। इससे सम्बंधित कई रूटों का सर्वे भी किया गया है। जो उचित लगेगा उसी पर काम शुरू किया जाएगा।

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आज के इस आधुनिक समय में हम जितने आधुनिक हो गए हैं ठगी करने वाले भी हमसे कई ज़्यादा आधुनिक हो गए हैं। टारगेट व्यक्ति के पास 'कैश ऑन डिलीवरी' का आर्डर आता है जिसे वह कैंसिल करने को कहता है। इसके बाद ठग उसे एक OTP भेजता है। इसके बाद जिस व्यक्ति को OTP भेजा जाता है उसके द्वारा OTP बताए जाने के बाद उसका बैंक अकाउंट खाली हो जाता है। मामला नजफगढ़ है। यहाँ रहने वाले पंकज सिंह के पास कुछ दिन पहले कॉल आता है। कॉल पर मौजूद व्यक्ति ने पंकज से कहा कि वह पारसल लेकर आया है और घर के नीचे उसका इंतज़ार कर रहा है। उसके नीचे पहुँचने पर उसे पता चला कि आर्डर 'पे ऑन डिलीवरी' है इसलिए उसे पैसों का भुगतान करना ही होगा। इसपर पंकज ने पैसे भरने से साफ़ इंकार कर दिया। पंकज के मना करने पर उसने पंकज की बात कस्टमर केयर से कराई। इसपर कस्टमर केयर वालों ने कहा कि आर्डर कैंसल करने के लिए उसके फोन पर OTP भेजा जाएगा। पंकज ने फोन पर ही OTP बताया और डिलीवरी बॉय का फ़ोन उसके हाथों में थमा दिया। जिसके बाद डिलीवरी बॉय चलता बना। इससे पहले की पंकज अपने घर का दरवाज़ा बंद करके अपने कमरे में पहुँचते उनके पास नोटिफिकेशन आता है जिसमें उन्हें बताया जाता है कि उनके बैंक में मौजूद राशि को कहीं ट्रांसफर किया जा चुका है। इसके बाद पंकज फ़ौरन अपना पर्स चेक करते हैं। उसमें ATM और डेबिट कार्ड मौजूद था। इसपर पंकज हैरान थे कि यह सब हुआ कैसे। जब वह पुलिस स्टेशन पहुंचे तो उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि वह साइबर ठगी के नए तरीके का शिकार हुए है। क्या है ठगी का यह नया तरीका पुलिस का कहना है कि शिकार के स्थान पर कूरियर के ज़रिए एक पार्सल भेजा जाता है जिसे उसने आर्डर भी नहीं किया था। इसपर ज़ाहिर सी बात है कि वह उस आर्डर को लेने से मना कर देगा। फिर डिलीवरी बॉय उस पार्सल भेजने वाले को फोन लगाएगा। इस कॉल को कस्टमर केयर के रूप में लेबल कर दिया जाएगा। उसकी फोन पर बात होगी जिसके ज़रिए उसे यह समझाया जाएगा कि यदि ये आर्डर उसका नहीं है तो वह उसे कैंसिल कर सकता है। इसके लिए बस उसे मोबाइल पर आया OTP बताना है। OTP बताने पर उसका बैंक अकाउंट तुरंत खाली हो जाता है। EMI वाले फ्रॉड से भी रहें सावधान दिल्ली में यह वारदात पिछले दिनों हुई। दिल्ली स्थित पालम विहार का SHO बनकर एक व्यक्ति को फोन किया गया और उसे झांसा दिया गया कि उसका EMI पेंडिंग है। इसकी शिकायत हमारे पास आई है। अपना EMI भर दो नहीं तो तुम्हारे खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी। फिर उस नकली SHO ने एक वकील का नंबर देकर उससे बात करने को कहा। इसके बाद खुद को वकील बताने वाले ठग ने दो ट्रांसेक्शन में 22 हज़ार 730 रुपय ट्रांसफर करा लिए। लोन के नाम पर भी हो सकती है ठगी आउटर नार्थ जिले की साइबर सेल ने इसी हफ्ते तीन जालसाजों को पकड़ा है। आरोपियों की पहचान 22 वर्षीय दुष्यंत, 38 वर्षीय दीपक फरीदाबाद में रहने वाले 31 वर्षीय दीपक के रूप में की गई है। इन लोगों द्वारा द्वारका से कम ब्याज दरों पर लोन देने का रैकेट चलाया जा रहा है। इस पर डीसीपी देवेश कुमार माहला के मुताबिक़ पीड़ित ने शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि उन्हें एक अनजान नंबर से मेसेज मिला था। लिखा था 'कम ब्याज दर के साथ 24 घंटे के भीतर 10 लाख परेशानी मुक्त ऑनलाइन लोन पाएं।' इसके बाद पीड़ित झांसे में आ गया। उसके द्वारा नंबर पर संपर्क किया गया। ठगों ने करीब ढाई लाख रुपय की ठगी की है। पूछताछ में पाया गया है कि इसमें 50 से अधिक लोग शामिल है। शिकार को फ़साने के लिए आरोपियों द्वारा वेबसाइट भी तैयार की गई थी। पुलिस द्वारा12 फोन और एक नोटबुक बरामद की गई है।

OTP वाले रहें सावधान, कहीं आपके पास तो नहीं आ रहा बिना आर्डर के कुरियर

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