रणवीर इलाहाबादिया को जमकर फटकार लगाते हुए पूछा कि अगर ऐसे बयान अश्लीलता नहीं हैं तो और क्या हैं?
समय रैना के शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ में माता-पिता पर अश्लील टिप्पणी के मामले में रणवीर इलाहाबादिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इलाहाबादिया ने अलग-अलग राज्यों में खुद पर हुईं FIR रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिस पर मंगलवार (18 फरवरी) को सुनवाई हुई।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने इंडिया गॉट लेटेंट शो करने पर पाबंदी लगाने के साथ रणवीर का पासपोर्ट जब्त करने के आदेश दिए हैं।
रणवीर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर महाराष्ट्र और असम में दर्ज FIR को जोड़ने और गिरफ्तारी से संरक्षण दिए जाने की मांग की थी।
आपको बताते हैं कि इलाहाबादिया के केस में सुप्रीम कोर्ट ने कौन सी 10 बड़ी टिप्पणियां कीं।
1. अगर ऐसे बयान अश्लीलता नहीं हैं तो और क्या हैं? आप किस भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं? आपको हर तरह की बातें करने की छूट कैसे मिल गई?
2. पॉपुलर होने का मतलब ये नहीं कि आप कुछ भी टिप्पणी करें! आप लोगों के माता-पिता की बेइज्जती कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि आपके दिमाग में कुछ गंदगी है।
3. आपने जो शब्द चुने हैं, उनसे माता-पिता शर्मिंदा होंगे, बहनें शर्मिंदा होंगी। पूरा समाज शर्मिंदा होगा। ये विकृत मानसिकता है। आपने और आपके लोगों ने विकृति दिखाई है!
4. अगर आप इस तरह के बयान देकर सस्ती लोकप्रियता हासिल कर सकते हैं, तो कोई और भी ऐसा करके लोकप्रियता हासिल करने की कोशिश कर सकता है। कोर्ट को इस तरह के व्यक्ति की सुनवाई क्यों करनी चाहिए।
5. यह निंदनीय व्यवहार है, जहां किसी को लगता है कि वह कुछ भी कर सकता है और समाज को हल्के में ले रहा है? हमें इस दुनिया में कोई ऐसा शख्स बताइए, जो इसे पसंद करेगा।
6. जहां तक आपको मिल रही धमकियों का सवाल है, कानून अपना काम करेगा। राज्य सरकार धमकी देने वालों पर कार्रवाई करेगी। हमारे पास न्याय व्यवस्था है, जो कानून से चलती है।
7. क्या कला के नाम पर आपको लाइसेंस मिल गया है? आपकी भाषा अपमानजनक और आपत्तिजनक थी।
8. जस्टिस एम कोटेश्वर सिंह ने कहा कि मुझे यकीन है कि अगर पुलिस आपको पूछताछ के लिए बुला रही है तो वो आवश्यक सुरक्षा प्रदान करेगी।
9. रणवीर को जब भी पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा उन्हें जांच में शामिल होना होगा।
10. रणवीर इलाहाबादिया को दी गई धमकी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनके (धमकी देने वाले) द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा आपकी भाषा से बेहतर है। कम से कम कोई भी इसे पढ़कर शर्मिंदा महसूस नहीं करेगा।
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