लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण में सबसे कम वोटिंग उत्तर प्रदेश में हुई।
लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) का दूसरा चरण 26 अप्रैल, शुक्रवार को सम्पन्न हुआ। दूसरे चरण में 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 88 लोकसभा सीटों पर वोट डाले गए। दूसरे चरण के चुनाव प्रतिशत की बात करें, तो इसका हाल तो पहले चरण के चुनाव से भी खराब रहा। दूसरे चरण में केवल 63 प्रतिशत ही वोटिंग हुई, जबकि वर्ष 2019 के हुए लोकसभा चुनावों के दूसरे चरण में 70 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इस घटते वोट प्रतिशत ने सभी राजनीतिक दलों की चिंता बढ़ा दी है। आखिर इस घटते वोट प्रतिशत की क्या है वजह? आइए जानते हैं पूरी डिटेल।
सबसे कम कहां हुई वोटिंग?
अगर हम लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण में हुए मतदान के आंकड़ों की बात करें, तो सबसे कम वोटिंग उत्तर प्रदेश में हुई है। उत्तर प्रदेश में केवल 54.8 प्रतिशत ही मतदाताओं ने मतदान में भाग लिया है। तो वहीं सबसे ज़्यादा वोटिंग त्रिपुरा में हुई है। त्रिपुरा में कुल 78.6 प्रतिशत मतदान हुए हैं। इन आंकड़ों से साफ ज़ाहिर है कि दूसरे चरण में कहीं भी वोटिंग 80 प्रतिशत के आंकड़े को पार नहीं कर पाया है।
राज्य | मतदान प्रतिशत |
उत्तर प्रदेश | 54.83 |
बिहार | 54.91 |
मध्य प्रदेश | 57.14 |
राजस्थान | 63.99 |
छत्तीसगढ़ | 73.19 |
जम्मू कश्मीर | 71.91 |
कर्नाटक | 67.45 |
केरल | 65.40 |
महाराष्ट्र | 54.34 |
मणिपुर | 77.18 |
असम | 70.97 |
त्रिपुरा | 78.63 |
पश्चिम बंगाल | 71.84 |
कम वोटिंग की क्या है वजह?
इस बार कम वोटिंग के ट्रेंड ने सभी राजनीतिक पार्टियों के साथ-साथ चुनाव आयोग की चिंता को भी बढ़ा दिया है। मतदान की संख्या में कमी के साथ-साथ लोगों में वोटिंग के प्रति उत्साह में भी कमी देखने को मिल रही है। कम वोटिंग होने की एक बड़ी वजह पूरे उत्तर भारत में बढ़ती हुई गर्मी भी है, जिसकी वजह से लोग अपने घरों से कम ही बाहर निकल रहे है। इसके अलावा बदलते चुनाव प्रचार के तरीके को भी कम वोटिंग की वजह माना जा रहा है। जहाँ पहले पार्टियों के नेता लोगों के घर-घर जाकर वोट डालने की अपील करते थे, वह सब अब सोशल मीडिया के माध्यम से अपना प्रचार कर रहे हैं।
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