मुंबई की वाटर टैंकर एसोसिएशन ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है। इसके बाद मुंबई के लोगों ने राहत की सांस ली है। मुंबई में बीएमसी ने टैंकरों को पानी देने वाले कुओं के मालिकों को लाइसेंस लेने के लिए नोटिस दिया था। जिसका टैंकर एसोसिएशन विरोध कर रहे थे। हालांकि इस हड़ताल का सबसे ज्यादा नुकसान मुंबई के आम लोगों को भुगतना पड़ रहा था, इसके कारण मायानगरी में घरों और ऑफिसों में पानी की भारी किल्लत हो गई थी। इस मामले में मुंबई के संरक्षक मंत्री आशीष शेलार ने जल शक्ति मंत्रालय को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था।
एमडब्ल्यूटीए के हड़ताल वापस लेने की घोषणा की है और इसके साथ ही लोगों की सेवा के लिए पानी के टैंकर तुरंत उपलब्ध करा दिए जाएंगे।
बीएमसी आयुक्त भूषण गगरानी ने एसोसिएशन को आश्वासन दिया कि जब तक सीजीडब्ल्यूए के साथ मामला नहीं निपट जाता है, तब तक नोटिस रद्द कर दिए जाएंगे।
ऐसे समझिए टैंकरों का योगदान
इनकी सेवा का दायरा दक्षिण मुंबई के पॉश इलाकों से लेकर उपनगरों की रिहायशी सोसाइटियों, रेलवे, निर्माण स्थलों और औद्योगिक क्षेत्रों तक फैला हुआ है।
- मुंबई की दैनिक जल आवश्यकता लगभग 4,463 मिलियन लीटर है।
- बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) हर दिन 3,950 मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति करती है।
- बचे हुए लगभग 250 से 300 मिलियन लीटर पानी की पूर्ति निजी टैंकरों के माध्यम से की जाती है।
- यह अतिरिक्त पानी शहर के भीतर मौजूद 385 बोरवेल और रिंग वेल जैसे स्रोतों से निकाला जाता है।
- मुंबई वॉटर टैंकर एसोसिएशन (MWTA) के तहत लगभग 1,800 से 2,500 टैंकर पंजीकृत हैं।
- इन टैंकरों की क्षमता 500 लीटर से लेकर 20,000 लीटर तक होती है।
- ये टैंकर हर दिन करीब 250 से 350 मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति करते हैं।
- टैंकर जिन जल स्रोतों से पानी भरते हैं, वे अधिकतर निजी कुएं, बोरवेल और रिंग वेल होते हैं।
7 पर्सेंट पीने का पानी टैंकर से सप्लाई
मुंबई की प्यास और पानी की ज़रूरत बस बीएमसी से पूरी नहीं होती, टैंकरों की भी इसमें बड़ी भूमिका होती है. मुंबई में करीब 7 पर्सेंट पीने का पानी टैंकर से सप्लाई होता है।⏹