उमेश पाल हत्याकांड के मुकदमे में अतीक की बीवी शाइस्ता, अशरफ की बीवी जैनब, बहन आयशा नूरी के अलावा पांच-पांच लाख के इनामी गुड्डू मुस्लिम, अरमान बिहारी, साबिर अभी फरार चल रहे हैं। शाइस्ता पर 50 तो जैनब व आयशा पर भी 25-25 हजार रुपये का इनाम है। दो साल के बाद भी इनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
मुक्त कराई गई जमीन पर कब्जा करने वालों पर जांच
माफिया अतीक से मुक्त कराई गई करीब साढ़े 12 करोड़ की जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ जांच बैठा दी गई है। अतीक ने राजमिस्त्री हुबलाल के नाम पर अलग-अलग गरीब किसानों को डरा-धमकाकर जमीन गौसपुर कटहुला में जमीन लिखवाई थी।
पुलिस ने बेनामी संपत्ति का पता लगाने के बाद मुनादी कराते हुए कुर्क किया था। इसके बाद राज्य सरकार में निहित करवा दी थी। कहा गया है कि उसी जमीन पर हिस्ट्रीशीटर, भूमाफिया समेत कई लोगों ने कब्जा करके प्लाटिंग शुरू कर दी, जिसका पता चलने पर पुलिस कमिश्नर ने राजपत्रित अधिकारी को जांच सौंप दी है।
माफिया के गैंग से जुड़े लोगों की गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। सक्रिय सदस्यों के खिलाफ जल्द ही गैंगस्टर का मुकदमा कायम करके अपराध से अर्जित संपत्ति को कुर्क करने की कार्रवाई की जाएगी। माफिया से मुक्त कराई गई जमीन पर अवैध कब्जे के संबंध में सच्चाई का पता लगाने के लिए जांच बैठाई गई है। तथ्य और साक्ष्य के आधार पर अग्रिम विधिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। —तरुण गाबा, पुलिस कमिश्नर
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को मरे हुए दो साल हो चुके हैं, लेकिन उसके तमाम गुर्गे अभी भी सक्रिय हैं।
शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में वह गैंग को फिर से मजबूत बनाने की कवायद में जुटे हुए हैं। साथ ही जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने से लेकर दूसरे तरह के अपराध कर रहे हैं। ऐसे लोगों की गतिविधि का पता लगाकर पुलिस सक्रिय सदस्यों की फेहरिस्त तैयार कर रही है। ∎