सरपंच से विधायक बने मोहन चरण माझी ओडिशा के नए मुख्यमंत्री
ओडिशा राज्य में पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाई है। संथाली जनजाति के नेता मोहन चरण माझी राज्य के नए मुख्यमंत्री बने हैं। उन्होंने झुमपुरा सरस्वती शिशु मंदिर में शिक्षक के रूप में काम किया, जो आरएसएस की शैक्षिक शाखा विद्या भारती द्वारा संचालित स्कूलों के नेटवर्क का हिस्सा है। उन्होंने नवीन पटनायक के बाद 12 जून 2024 को ओडिशा के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इसके साथ ही भाजपा ने राज्य में दो उपमुख्यमंत्री बनाए हैं। ये दो उपमुख्यमंत्री कनकवर्धन सिंह देव और प्रभाती परिदा हैं।
मोहन चरण माझी के बारे में जानें
जन्म | 6 जनवरी 1972 | रायकला, ओडिशा, भारत |
राजनीतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
जीवनसाथी | प्रियंका मरांडी |
पिता | गुनाराम माझी |
बच्चे | 2 |
शिक्षा | चंद्रशेखर कॉलेज, चंपुआ (बीए), ढेंकनाल लॉ कॉलेज (एलएलबी) |
पेशा | वकील, राजनीतिज्ञ |
वह 2000, 2004, 2019 और 2024 में भाजपा के टिकट पर क्योंझर सीट से जीत चुके हैं। माझी 1997 से 2000 तक गांव के सरपंच रहे। उन्होंने 1997 से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई की आदिवासी शाखा के सचिव के रूप में कार्य किया। वह अनुसूचित जातियों और जनजातियों की स्थायी समिति के सदस्य भी थे।
मोहन चरण माझी की संपत्ति
ओडिशा के नए मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की कुल संपत्ति 1.97 करोड़ रुपये है। उन पर 95 लाख रुपये से ज़्यादा का कर्ज भी है। माझी के पास 25 लाख रुपये की फॉर्च्यूनर कार भी है। उनके पास 1.20 लाख रुपये की कीमत का 20 ग्राम सोना भी है। माझी के पास खेती की ज़मीन भी है, जिसकी कीमत 19 लाख रुपये से ज़्यादा है।
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