ठक्कर बाप्पा – Thakkar Bappa 

ठक्कर बाप्पा - Thakkar Bappa 

ठक्कर बाप्पा के नाम से प्रसिद्ध अमृतलाल विट्ठलदास ठक्कर एक समाजसेवी थे। उनकी सेवा-भावना का स्मरण करके ही डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कहा था‌- “जब-जब नि:स्वार्थ सेवकों की याद आएगी, ठक्कर बाप्पा की मूर्ती आंखों के सामने आकर खड़ी हो जायेगी।” उन्होंने मूल रूप से गुजरात राज्य में आदिवासी (वनवासी) समाज लोगों के उत्थान के लिए काम किया। इसके अतिरिक्त, वे भारतीय संविधान सभा के भी सदस्य थे।

अमृतलाल विट्ठलदास ठक्कर का जन्म 29 नवंबर, 1869 को हुआ था। वे गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के भावनगर के एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्में, जहाँ से उन्होंने 1886 में मैट्रिक किया। उनके पिता का नाम विट्ठल दास ठक्कर था।  

सन् 1890 में उन्होंने पूना इंजीनियरिंग कॉलेज से एलसीई (सिविल इंजीनियरिंग में लाइसेंस प्राप्त) प्राप्त किया। L.C.E. (लाइसेन्स इन सिविल इंजीनियरिंग) आज के सिविल इंजीनियरी के स्नातक के समतुल्य है। 

पोरबंदर में बतौर इंजीनियर उन्होंने अपने व्यवसयिक काम की शुरुआत की। तत्पश्चात् वर्ष 1900-1903 के दौरान उन्होंने पूर्वी अफ्रीका के युगांडा रेलवे में बतौर इंजीनियर अपनी सेवाएँ दीं। उन्होंने कुछ समय तक सांगली राज्य में मुख्य अभियंता के रूप में भी कार्य किया और फिर एक इंजीनियर के रूप में बॉम्बे नगर पालिका में कार्यरत हुए।

बॉम्बे नगर पालिका में कार्य करते समय उन्होंने पहली बार सफाईकर्मियों की दयनीय स्थिति देखी। वह उन गंदी कॉलोनियों को देखकर हैरान रह गए जहां सफाईकर्मियों को रहना पड़ता था। उनकी स्थिति से द्रवित होकर उन्होंने उनकी दशा को सुधरने की दिशा में कार्य करने का निश्चय किया। 

सन् 1914 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया और सामाजिक कार्य में लग गये। वह गोपाल कृष्ण गोखले के द्वारा स्थापित सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी के सदस्य बने और अछूतों और आदिवासियों के अधिकारों की पैरवी की। उन्होंने बाढ़ और अकाल के लिए कई राहत कार्य किये। उन्होंने सफाई कर्मचारियों को कर्ज से मुक्ति दिलाने के लिए कई योजनाएं लागू कीं। 1920 में उन्होंने उड़ीसा का दौरा किया और अकाल राहत कार्य चलाया। 1922 में भीलों को भयंकर अकाल का सामना करना पड़ा। आदिवासियों की दुर्दशा से वे बहुत प्रभावित हुए और उनके उत्थान के लिए प्रयास करने के लिए 1923 में उन्होंने भील सेवा मंडल की स्थापना की। उन्होंने 1944 में गोंड सेवक संघ की स्थापना की। बाद में इस संगठन का नाम बदलकर वनवासी सेवा मंडल कर दिया गया।

ठक्कर बाप्पा ने हरिजनों के बीच भी कार्य किया और अपने समाज सेवा का विस्तार किया। गांधीजी द्वारा उन्हें हरिजन सेवक संघ का सचिव बनाया गया। नोआखली में हरिजनों के मकानों को मुस्लिमो ने जला दिया था और हरिजनों का नरसंहार किया था।

वे एक स्वतंत्रता सेनानी भी थे। उन्होंने इस कारण से वे 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान वे गिरफ्तार भी हुए थे। आजादी के बाद वह संविधान सभा के लिए चुने गए। वह संविधान सभा की बहिष्कृत और आंशिक रूप से बहिष्कृत क्षेत्रों (असम के अलावा) उप-समिति के अध्यक्ष थे और असम के लिए उप-समिति के सदस्य के रूप में भी कार्य किया। 19 जनवरी, 1951 को ठक्कर बापा का निधन हो गया।

ठक्कर बाप्पा के विषय में कुछ प्रमुख तथ्य

  • ठक्कर बापा ने 1950 में प्रकाशित ट्राइब्स ऑफ इंडिया पुस्तक लिखी।
  • भारत सरकार ने वर्ष 1969 में उनके सम्मान में एक डाक टिकट (Postage stamp) जारी किया। 
  • उन्होंने अपना पूरा जीवन हाशिये पर पड़े लोगों के उत्थान के लिए काम करते हुए बिताया।
  • Thakkar Bappa Colony : मुंबई में एक प्रसिद्ध इलाके, बप्पा कॉलोनी का नाम उनके नाम पर रखा गया है।
  • उन्होंने 1930 के दशक में जंगल के निवासियों, जनजातीय लोगों को संदर्भित करने के लिए आदिवासी शब्द गढ़ा।
  • Thakkar Bappa Scheme (ठक्कर बाप्पा योजना) : महाराष्ट्र सरकार ने वर्ष 2007 में आदिवासी गांवों और कॉलोनियों में सुधार के लिए ‘ठक्कर बप्पा आदिवासी वस्ति सुधारना’ नामक योजना निर्धारित की है।
  • Thakkar Bappa Award : मध्य प्रदेश राज्य सरकार ने गरीब, पीड़ित और पूरी तरह से पिछड़े आदिवासी समुदाय के लिए समर्पित सेवाओं के लिए उनके सम्मान में एक पुरस्कार की स्थापना की है। 
  • तमिलनाडु में , ठक्कर को प्यार से “अप्पा ठक्कर” के नाम से जाना जाता था, जो “ठक्कर बापा” का तमिल संस्करण था।
अल्ट्रान्यूज़ टीवी के ‘व्यक्तित्व’ सेक्शन में आपका स्वागत है। इस सेगमेंट में हम आपके लिए लेकर आ रहे हैं उन विशेष व्यक्तियों की जीवनी / बायोग्राफी, जिन्होंने देश-दुनिया के मानव समाज के सामाजिक संरचना को किसी न किसी रूप में प्रभावित किया है।
Thakkar Bappa | Thakkar Bappa in Hindi | Thakkar Bappa Biography | Thakkar Bappa Biography in Hindi | Thakkar Bappa Information in Hindi
Thakkar Bappa in Gujarati
અમૃતલાલ વિઠ્ઠલદાસ ઠક્કર, જેઓ ઠક્કર બાપ્પા તરીકે જાણીતા છે, તે એક સામાજિક કાર્યકર હતા. તેમની સેવાની ભાવનાને યાદ કરતાં ડૉ. રાજેન્દ્ર પ્રસાદે કહ્યું હતું - "જ્યારે પણ આપણે નિઃસ્વાર્થ સેવકોને યાદ કરીશું ત્યારે ઠક્કર બાપ્પાની પ્રતિમા આપણી આંખ સામે ઉભી રહેશે." તેમણે મૂળભૂત રીતે ગુજરાત રાજ્યમાં આદિવાસી (વન નિવાસી) સમુદાયના લોકોના ઉત્થાન માટે કામ કર્યું હતું. વધુમાં, તેઓ ભારતીય બંધારણ સભાના સભ્ય પણ હતા. 29 નવેમ્બર, 1869ના રોજ જન્મેલા ઠક્કર બાપ્પાનું નિધન 19 જાન્યુઆરી, 1951ના રોજ થયું હતું.

यदि आपको हमारा यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर करना ना भूलें और अपने किसी भी तरह के विचारों को साझा करने के लिए कमेंट सेक्शन में कमेंट करें।

UltranewsTv देशहित

यदि आपको हमारा यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर करना ना भूलें | देश-दुनिया, राजनीति, खेल, मनोरंजन, धर्म, लाइफस्टाइल से जुड़ी हर खबर सबसे पहले जानने के लिए UltranewsTv वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें।
Bharatiya Janata Party

भारतीय जनता पार्टी – BJP

भारत के राष्ट्रपति | President of India

भारत के राष्ट्रपति : संवैधानिक प्रमुख 

bharat-ke-up-pradhanmantri

भारत के उप प्रधानमंत्री – Deputy Prime Ministers of India

Total
0
Shares
Previous Post
अजीत डोभाल - Ajit Doval

अजीत डोभाल – Ajit Doval

Next Post
Daily News Banner

डेली न्यूज़ – Daily News : 15 Jan, 2024 – 21 Jan, 2024

Related Posts
Total
0
Share