थॉमस ऐल्वा ऐडिसन – Thomas Edison

बचपन से जिज्ञासु प्रवृति के एडिसन को प्रथम औद्योगिक प्रयोगशाला स्थापित करने का श्रेय जाता है। अमेरिका में अकेले 1093 पेटेंट करवाने वाले उस समय के वे अकेले थे।

थॉमस ऐल्वा ऐडिसन जीवन परिचय - Biography

जन्म11 फ़रवरी 1847
पेशाआविष्कारक, व्यापारी
माता पितासामुएल ओगडेन एडीसन जूनियर, नैन्सी मैथ्यू इलियट
जीवन साथीमैरी स्टिलवेल, मीना मिलर
मृत्यु 18 अक्टूबर 1931

जीवन एवं शिक्षा - Life and Education

एडीसन का जन्म ओहायो के मिनैल नगर में 11 फरवरी 1847 को हुआ था, छ: वर्ष तक इनकी पढ़ाई इनकी माता द्वारा घर से हुई, सार्वजनिक विद्यालय में इनकी शिक्षा 3 माह ही चली। एडिसन ने अपने 10वें जन्मदिन तक बर्टन, ह्यूम, सीआर तथा गिबन के ग्रंथों तथा डिक्शनरी ऑफ साइन्सेज का अध्ययन कर लिया था।

उम्र के 12वें वर्ष तक आते हुए उन्होंने फलों और समाचारपत्रों के विक्रय का काम कर उस समय रोजाना एक डॉलर की सहायता देते थे। रेल में वे पत्र छापते और वैज्ञानिक प्रयोग करते, इस कार्य में निपुणता प्राप्त करके 20 वर्ष की आयु तक उन्होंने तार कर्मचारी के रूप में कार्य किया, उत्तरजीविता से इतर जो उनके पास समय बचता था उसे वे अपने प्रयोग और परीक्षण कार्य में लगाते थे।

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अनुसंधान कार्य - Research work

1869 में एडिसन ने सबसे प्रथम आविष्कार "विद्युत मतदानगणक"  पेटेंट करवाया। 1870 के बाद एडिसन ने नौकरी छोड़ कई आविष्कारों पर कार्य शुरू किया जैसे एक ही तार पर कई अलग-अलग संदेश भेजना, स्टॉक एक्सचेंज के लिए तार छपने के की मशीन में सुधार किया, बेल टेलीफोन यंत्र का विकास किया, इसी क्रम में 1878 ई. में फोनोग्राफ मशीन पेटेंट कराई जिसकी 2010 ई. में अनेक सुधारों के बाद वर्तमान रूप मिला।

एडिसन का महानतम आविष्कार 21 अक्टूबर 1889 में 40 घंटे से अधिक समय तक बिजली से जलनेवाला निर्वात बल्ब विश्व को भेंट किया। अगले दस वर्षो में एडिसन ने प्रकाश, उष्मा और शक्ति के लिए विद्युत के उत्पादन और त्रितारी वितरण प्रणाली के साधनों और विधियों पर प्रयोग किए। जमीन क नीचे तारों को रब्बर और और कपड़े में लपेटने की पद्धति खोजी। यात्रियों के लिए विद्युत रेलगाड़ी और चलते जहाज से संदेश भेजने और प्राप्त करने के तरीके की खोज की।

प्रथम विश्वयुद्ध में एडिसन ने जलसेना सलाहकार बोर्ड का अध्यक्ष बनकर 40 युद्धोपयोगी आविष्कार किए। पनामा पैसिफ़िक प्रदर्शनी ने 21 अक्टूबर 1915 ई. एडिसन दिवस का आयोजन करके विश्वकल्याण के लिए सबसे अधिक अविष्कारों के इस उपजाता को संमानित किया।