22 जुलाई से शुरू होगी कावड़ यात्रा, उत्तर प्रदेश सरकार ने जारी किये निर्देश – Kavad Yatra will start from July 22, Uttar Pradesh government issued instructions
सावन माह में सभी शिवभक्त गंगोत्री, गोमुख, हरिद्वार से गंगाजल लाकर अपने गांव के शिवालय में शिव जी को समर्पित करते हैं। भारी संख्या में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कांवड़ियें तथा पडोसी राज्यों से कावड़ लेने हरिद्वार पहुँचते हैं। ऐसे में कावड़ यात्रा को सुचारु रूप से सफल बनाने के लिए योगी सरकार ने दिशा निर्देशों की सूचि जारी कर दी है।
क्या हैं दिशा निर्देश – What are the guidelines
- पडोसी राज्यों से आने वाले सभी श्रद्धालुओं को उत्तर प्रदेश में आने पर अपना आईडी प्रूफ साथ लाना अनिवार्य होगा।
- किसी भी शिवभक्त को त्रिशूल, भाला एवं अन्य हथियार लेकर चलने की अनुमति नहीं होगी।
- कावड़ यात्रा मार्ग पर डीजे बजाने को लेकर कोई पाबन्दी नहीं है लेकिन डीजे, ध्वनि निर्धारित कानून की सीमा के अंदर होगी।
- मार्ग में जगह-जगह स्वास्थ्य शिविर और कांवड़ शिविर लगाए जाएंगे।
- कावड़ यात्रा के लिए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दोनों राज्यों में 8 नियंत्रण कक्ष स्थापित किये जायेंगे। जिसे दोनों राज्यों के अधिकारी मिलकर नियंत्रित करेंगे।
- कांवड़ मार्ग पर शराब और मीट की दुकानें बंद रहेंगी।
- बिजली के खंभों को पॉलीथिन से और ट्रांसफार्मरों को जाल से ढका जाएगा, ताकि कोई दुर्घटना न हो।
यातायात व्यवस्था में होगा बदलाव -There will be changes in the traffic system
कावड़ यात्रा को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए ट्रैफिक अधिकारियों ने पडोसी राज्यों के अधिकारियों के साथ मीटिंग करके यातायात व्यवस्था का पूरा रोडमैप तैयार किया गया है। जिन मार्गों से कावड़ यात्रा शुरू होगी वे सभी मार्ग बंद कर दिए जायेंगे। 21 जुलाई की मध्य रात्रि से दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे, देहरादून एक्सप्रेसवे और चौधरी चरण सिंह कांवड़ मार्ग पर भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक रहेगी। सभी मार्ग 2 अगस्त को मध्यरात्रि में खोल दिए जायेंगे।
जिला प्रशासन भी अपने स्तर से कर रहा है तैयारी -The district administration is also making preparations at its level.
मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन ने भी एक पहल शुरू की है। एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताते हुए कहा कि जिला प्रशासन ने सभी दुकानदारों, रेस्तरॉं संचालकों, तथा सभी ठेले वालों को निर्देश दिए है कि उन्हें अपने नाम लिख कर वहां लगाने होंगे। जिससे श्रद्धालुओं में भ्रम की स्थिति न बने। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को किसी भी विवाद से बचने के लिए हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर अपनी दुकानों का नाम नहीं रखना चाहिए।
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