श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर उपवास के दौरान कुट्टू के आटे से बनी पकौड़ी, हलवा और पूड़ियां खाने से आगरा व मथुरा के आधा दर्जन से अधिक गांवों में 500 से अधिक लोग बीमार हो गए। आगरा के शहर और देहात में बीमार करीब 250 लोगों में से 103 को आगरा के सरोजिनी नायडू मेडिकल कालेज से संबंधित अस्पताल में भर्ती कराया गया। मथुरा के फरह क्षेत्र में बीमार हुए करीब इतने ही लोगों को विभिन्न सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। फरह के ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने जिस दुकानदार से आटा खरीदा, उसने आगरा के दरेसी बाजार के दुकानदार से आटा खरीदा था। दोनों जिलों में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की टीमों ने सैंपलिंग की कार्रवाई की है।
सोमवार को बड़ी संख्या में लोगों ने उपवास रखा था। इस दौरान उन्होंने कुट्टू के आटे का हलवा और पकौड़ी खाई। इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। लोगों को उल्टी-दस्त से साथ घबराहट और जी-मचलाने की शिकायत हुई। इसके बाद लोगों को आगरा और मधुरा के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया। एफएसडीए की टीम ने बीमार लोगों से जानकारी लेने के बाद विभिन्न दुकानों से आटे के एक दर्जन से ज्यादा नमूने लिए हैं। पांच क्विंटल आटे की टीम ने जब्त किया है। आगरा के सीएमओ डा.अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि सीएचसी प्रभारियों को प्रभावित गांवों में टीम भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
कुट्टू के आटे से क्यों हुई तबीयत खराब? – Why did buckwheat flour make me feel bad?
अभी तक कुट्टू के आटे से बीमार होने वाले मरीजों की हिस्ट्री बताती है कि कई बार यह आटा संक्रमित होता है, जिसे खाने से अचानक लोगों की तबीयत बिगड़ जाती है। इसके पीछे कई वजहें हो सकती हैं, जिनमें पहली और प्रमुख वजह है कि यह आटा मुख्य रूप से व्रत में ही इस्तेमाल होता है, रोजाना खाने में इसे नहीं खाते हैं। वहीं इस आटे को लंबे समय तक स्टोर करके रख सकते हैं, लिहाजा इसकी बिक्री व्रत पर्वों पर ही होती है और कई बार लंबे समय तक गलत तरीके से स्टोर किए जाने या एक्सपायर्ड हो जाने के चलते यह संक्रमित हो जाता है। इसमें फंगल या अन्य तरीके का इन्फेक्शन विकसित हो जाता है और इसे खाकर लोग बीमार पड़ जाते हैं।
क्या थे लक्षण? – What were the symptoms?
इन मरीजों को पेट में दर्द होने के साथ ही उल्टी और दस्त की शिकायत हो रही थी। कुछ लोगों को पेट में मरोड़ उठ रही थीं। कुछ मरीजों का जी मिचला रहा था। जबकि किसी-किसी को हल्का बुखार भी आया था। इन सभी को तत्काल इमरजेंसी में भर्ती कर इलाज दिया गया है।
फूड एक्सपर्ट ने गिनाई ये वजहें – Food expert enumerated these reasons
- फूड सेफ्टी एंड स्टेंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया की रीजनल लैबोरेटरी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कुट्टू का आटा रोजमर्रा की जरूरतों के बजाय कभी कभी इस्तेमाल होता है, हालांकि इसमें मिलावट अन्य आटों के मुकाबले आसानी से हो सकती है. साथ ही इसके संक्रमित होने और लोगों को बीमार करने के पीछे ये वजहें हो सकती हैं।
- एक्सपायर्ड या संक्रमित आटा- कुट्टू के आटे को खाकर बीमार पड़ने की एक वजह ये हो सकती है कि यह आटा एक्सपायर्ड है और इसमें कोई इन्फेक्शन पैदा हो गया है। गांव-देहात में लोग एक्सपायर्ड डेट भी देखकर नहीं लेते हैं, बस सामान खरीदकर उपयोग कर लेते हैं। यह तरीका जान भी ले सकता है।
- कुट्ट का रंग और टैक्सचर- कुट्टू के आटे का रंग हल्का ग्रे कलर का होता है, जिसमें आसानी से किसी भी चीज की मिलावट की जा सकती है जो पकड़ में भी नहीं आती। लोग इसमें कुछ भी मिला रहे होते हैं, जो सेहत पर बुरा असर डालता है।
- कुट्टू की फसल पैदा होने के बाद जब उसे पीसा जाता है तो इसमें कई ऐसी चीजें भी पिस जाती हैं, जो जहरीली या सेहत के लिए नुकसानदेह होती हैं।
इसका ज्यादा सेवन हो सकता है खतरनाक – Excessive consumption can be dangerous
यशोदा सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के सीनियर कंसलटेंट इंटरनल मेडिसिन डॉक्टर ए.पी सिंह का कहना है कि कुट्टू का आटा वैसे तो पौष्टिक होता है, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन या गलत तरीके से तैयार करने पर यह पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा, जिन लोगों को फूड एलर्जी की समस्या है, उन्हें कुट्टू के आटे के सेवन से पहले सावधानी बरतनी चाहिए। बाजार में मिलने वाले कुट्टू के आटे में मिलावट होने की संभावना होती है, जिससे फूड पॉयजनिंग जैसी समस्या पैदा हो सकती है। ज्यादा समय तक रखे हुए आटे का सेवन करने से भी बचना चाहिए, हमेशा शुद्ध और अच्छे ब्रांड का कुट्टू का आटा खरीदें। वहीं कुट्टू का आटा सीमित मात्रा में खाएं, अत्यधिक सेवन से पेट की समस्याएं हो सकती हैं। एक दिन में 100-150 ग्राम कुट्टू का आटा पर्याप्त होता है।
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