खोदी बस्ती, निकला आलीशान विला, अंदर का नज़ारा देख वैज्ञानिक हुए हैरान

खोदी बस्ती, निकला आलीशान विला, अंदर का नज़ारा देख वैज्ञानिक हुए हैरान
image source : akm-img-a-in.tosshub.com

जर्मनी की सबसे पुरानी बस्तियों में से एक बस्ती की खुदाई से 2 हज़ार साल पुराना लग्जरियस आलीशान विला मिला है। इसके अंदर का नज़ारा देख कर पुरातत्वविद भी हैरान है।


जर्मनी में इन दिनों पुरानी बस्तियों की खुदाई चल रही है। इन पुरानी बस्तियों में एक बस्ती जर्मनी के बवेरिया के Kempton की भी है। इस बस्ती में खुदाई के दौरान दो हज़ार साल पुराना विला मिला है। यह विला जर्मनी के सबसे पुराने घरों में से एक है। इस दो हज़ार साल पुराने विला में इतनी सुविधाएं देख कर पुरातत्वविद भी हैरान हैं। इस विला में अंडरफ्लोर हीटिंग की सुविधा मौजूद है।


इस विला का ढांचा करीब 800 स्क्वायर मीटर लंबा है और यह दो मंज़िला है। यह विला इस बात का सबूत है कि प्राचीन रोमन लोगों के घरों में अंडरफ्लोर हीटिंग और थर्मल बाथ की सुविधा मौजूद थी। यह विला जिस Kempton शहर में मिला है। उसका जुड़ाव पहले रोम से था। Kempton शहर दो हज़ार साल पहले बसाया गया था। आज यह शहर सबसे पुराने शहरों की सूची में शुमार है। इस शहर का नाम पहले Cambodunum भी था।


प्राइवेट स्टोन हाउस का मिलना है ख़ास बात
जर्मनी के पुरातत्व विभाग के Johannes Schiessl ने बताया कि इस बस्ती की खुदाई में पुरातत्वविदों के लिए काफी खास बात है। इन्होने यह भी बताया कि आप दक्षिण जर्मनी में पहली सदी की शुरुआत में प्राइवेट स्टोन बिल्डिंग नहीं ढूंढ सकते। पहले रोमन बस्तियों में लोग लकड़ी और मिट्टी के बने घरों में रहते थे। लेकिन Cambodunum एक ऐसी जगह थी जहाँ रोमन्स ने ईंट पत्थर के घरों में रहना शुरू कर दिया।


इस शहर को रोमन ग्रिड प्लान के अनुसार बसाया गया था। उस समय शहर में अलग-अलग तरह की सुविधाएं भी दी जाती थी। यह रोम के गवर्नर का आधिकारिक आवास होने के साथ ही क्षेत्र का प्रशासनिक केंद्र भी था। 120 AD यह शहर ही प्रांत की राजधानी भी रहा। इसके बाद Augsburg को नई राजधानी बना दिया गया।


जर्मनी के कैप्टन ने शुरू किया था रोम का शहरी कल्चर
इस आलीशान विला की खोज से एक बात साफ़ हो गई है कि Kempton शहर से ही शहरी कल्चर की शुरुआत हुई है। इससे एक बात ये भी सामने आई है कि उस दौरान अमीर लोगों के घर और बिल्डिंग्स सिर्फ लकड़ियों से ही नहीं बने होते थे बल्कि इन्हे बनाने में पत्थर का उपयोग भी किया जाता था।


अभी भी इसका उत्खनन जारी है। साथ ही जो भी ढांचा और अवशेष मिलें हैं उनकी भी जाँच की जा रही है। पुरातत्विदों का मानना है कि इस जगह की खुदाई से प्राचीन जगह को लेकर काफी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

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