पर्यावण-दिवस विशेष : 5 जून, 2023

gBlUBAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAMA1jzcAAZBhMSkAAAAASUVORK5CYII= पर्यावण-दिवस विशेष : 5 जून, 2023

पर्यावरण को वस्तुतः सभी जीवित और निर्जीव तत्वों और उनके प्रभावों के कुल योग के रूप में देखा जा सकता है जो मानव जीवन को प्रभावित करते हैं। सभी जीवित या जैविक तत्व पशु, पौधे, वन, मत्स्य और पक्षी हैं, जबकि निर्जीव या अजैविक तत्वों में जल, भूमि, धूप, चट्टानें और हवा शामिल हैं।

हम मानव भी इसी पर्यावरण के भाग हैं। प्रकृति में सभी जीव संतुलन के साथ रहते हैं। किन्तु मनुष्य ने स्वार्थवश पर्यावरण का क्षरण किया है।
पर्यावरण क्षरण हवा, पानी और मिट्टी की गुणवत्ता जैसे संसाधनों की कमी के माध्यम से पर्यावरण की गिरावट है। आज हमारे समक्ष अनेक पर्यावरणीय चिंताएं खड़ी है।

पर्यावरणीय चिंताओं में पर्यावरण पर किसी भी मानवीय गतिविधि के कारण होने वाले नकारात्मक प्रभाव शामिल है। कुछ प्राथमिक पर्यावरणीय चुनौतियाँ जो बड़ी चिंता पैदा कर रही हैं, वे हैं वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदुषण, इत्यादि।

वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगर हम जल्द ही कार्रवाई नहीं करते हैं, तो इससे प्राकृतिक आपदाओं में और भी वृद्धि होगी, समुद्र का स्तर बढ़ जाएगा और मौसम चरमरा जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप पारिस्थितिकी तंत्र ध्वस्त हो जाएगा, वन्यजीवों का बड़े पैमाने पर विलुप्त होने, भोजन की कमी और लोगों का वैश्विक विस्थापन होगा। इसी कारण पर्यावरण का संरक्षण महत्त्वपूर्ण हो जाता है।

पर्यावरण संरक्षण प्राकृतिक दुनिया को संरक्षित करने का अभ्यास व प्रयास है ताकि इसे मानवीय गतिविधियों के परिणामस्वरूप ढहने से रोका जा सके, जैसे कि अस्थिर कृषि, वनों की कटाई और जीवाश्म ईंधन को जलाना, कचरे का बेहतर प्रबंधन आदि।

इसी प्रयास को सफल बनाने की दिशा में संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित पर्यावरण-दिवस महत्वपूर्ण है जो कि हर वर्ष 5 जून को मनाया जाता है।

जानें इस बार के पर्यावरण-दिवस पर क्या है खास?

  • इस बार नेदरलैण्ड के साथ-साथ पश्चिम अफ्रीकी देश आइवरी कोस्ट मेज़बानी कर रहे हैं।
  • इस बार का थीम है – प्लास्टिक प्रदुषण के समाधान।
  • UNO ने इस बार हैशटैग कैंपेन भी चलाया है। #BeatPlasticPollution
  • ये अभीयान संयुक्त राष्ट्र के ‘संयुक्त राष्ट्र पर्यावण कार्यक्रम(UNEP)’ के तत्वाधान में चल रहा है।

पर्यावरण-दिवस का इतिहास

  • विश्व पर्यावरण दिवस (WED) की स्थापना 1972 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा मानव पर्यावरण पर स्टॉकहोम सम्मेलन जून, 1972 में की गई थी, जो मानव अंतःक्रियाओं और पर्यावरण के एकीकरण पर चर्चा के परिणामस्वरूप हुई थी।
  • 1974 में पहला WED “Expo ’74 {International Exposition on the Environment, Spokane 1974}(ओनली वन अर्थ)” थीम के साथ वाशिंगटन, USA में आयोजित किया गया था।
  • वर्ष 2011 में ये सम्मलेन “वनः प्रकृति आपकी सेवा में” थीम के साथ नयी दिल्ली, भारत में आयोजित किये गए। हल में ही, वर्ष 2021 और 2022 में ये सम्मलेन क्रमशः पाकिस्तान और स्वीडन में हुए।

यदि आपको हमारा यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर करना ना भूलें और अपने किसी भी तरह के विचारों को साझा करने के लिए कमेंट सेक्शन में कमेंट करें।

UltranewsTv देशहित

यदि आपको हमारा यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर करना ना भूलें | देश-दुनिया, राजनीति, खेल, मनोरंजन, धर्म, लाइफस्टाइल से जुड़ी हर खबर सबसे पहले जानने के लिए UltranewsTv वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें।
pCWsAAAAASUVORK5CYII= परमवीर चक्र : मातृभूमि के लिए सर्वोच्च समर्पण

परमवीर चक्र : मातृभूमि के लिए सर्वोच्च समर्पण

भारत के राष्ट्रपति | President of India

भारत के राष्ट्रपति : संवैधानिक प्रमुख 

Bharatiya Janata Party

भारतीय जनता पार्टी – BJP

Total
0
Shares
Previous Post
दुनिया का सबसे छोटा हवाई अड्डा, जानिए इसके बारे में 3 खास बातें

दुनिया का सबसे छोटा हवाई अड्डा, जानिए इसके बारे में 3 खास बातें

Next Post
Yogi Adityanath का जन्मदिन : 05 जून 

Yogi Adityanath का जन्मदिन : 05 जून 

Related Posts
Total
0
Share