अगर सूर्य निकले पश्चिम से तो कैसा होगा जीवन – What would life be like if the sun rose from the west? 

hAFUBAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAALwGsYoAAaRlbhAAAAAASUVORK5CYII= अगर सूर्य निकले पश्चिम से तो कैसा होगा जीवन - What would life be like if the sun rose from the west? 

हम सभी के जहन में कई बार ऐसे सवाल आते है, जिसका जवाब शायद ही कोई दे दे पाता हो। लेकिन वो ही अजब-गजब सवाल आपके अंदर उथल-पुथल मचाए रहते हैं। ऐसे में हमने AI से पूछे आपके सवाल, जिनके मिले मजेदार जवाब

अगर सूर्योदय पूर्व से ना होकर पश्चिम से हो और सूर्यास्त पश्चिम से ना होकर पूर्व से हो तो क्या होगा?

अगर सूर्योदय पूर्व से ना होकर पश्चिम से हो और सूर्यास्त पश्चिम से ना होकर पूर्व से हो, तो हमारे जीवन में कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। ये हो सकते हैं परिणाम –

दिन और रात का उलटफेर – reversal of day and night

सबसे पहले तो हमारे दिन और रात का समय उलट जाएगा। पश्चिम में सूर्य अस्त होने पर शाम होगी तो पूर्व में सूर्योदय होते ही सुबह की शुरूआत होगी।

ऋतुओं में बदलाव – change of seasons

पृथ्वी के घूमने की दिशा बदलने से ऋतुओं का चक्र भी उलट जाएगा। जहां अभी हम गर्मियों में गमों महसूस करते हैं, वही उन महीनों में हमे सर्दी महसूस होगी।

समय का निर्धारण – time offset 

समय का निर्धारण करने वाले तरीके भी बदल जाएंगे। हमें अपनी घड़ियों और कैलेंडरों को नए सिरे से सेट करना होगा।

जीवनचक्र में बदलाव – life cycle changes

धरती पर रहने वाले सभी जीवों के जीवनचक्र में बदलाव आएगा। पौधे सूर्य नकी रोशनी के अनुसार ही अपना विकास करते हैं, इसलिए उनकी वृद्धि पर भी असर पड़ेगा। 

भौगोलिक घटनाएं – geographical events

सूर्योदय की दिशा बदलने से धरती पर होने वाली भौगोलिक घटनाएं भी प्रभावित होगी। जैसे कि समुद्र की धाराएं, हवाओं की दिशा आदि।

यह सब क्यों होगा? – Why would all this happen?

यह सब इसलिए होगा क्योंकि पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है। इसी कारण से हम सूर्य को पूर्व में उगता हुआ और पश्चिम में डूबता हुआ देखते हैं। अगर पृथ्वी की घूर्णन दिशा बदल जाए तो ये सब कुछ उलट जाएगा।

क्या ये संभव है? – Is this possible?

वर्तमान में पृथ्वी की घूर्णन दिशा बदलने की कोई संभावना नहीं है। पृथ्वी की घूर्णन दिशा को बदलने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होगी जो कि वर्तमान में हमारे पास नहीं है। इसलिए अभी यह सिर्फ एक काल्पनिक स्थिति है, जिसके बारे में सोचकर हम पृथ्वी पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में बेहतर तरीके से समझ सकते हैं। 

पेड़-पौधे हरे ही नजर आते हैं, ऐसा क्यों है? – Trees and plants appear green, why is this so?

दरअसल, पेड़-पौधे के हरे रंग का होने के पीछे दिलचस्प वजह है। ये इसलिए हरे रंग के होते है क्योंकि उनके अंदर एक विशेष प्रकार का वर्णक पाया जाता है, जिसे क्लोरोफिल कहते है। यह क्लोरोफिल ही पौधों को हरा रंग देता है। 

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