भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 जून, 2023 से 100 दिनों के भीतर हर जिले में प्रत्येक बैंक की टॉप 100 अनक्लेम्ड डिपॉजिट का पता लगाने और उसके निपटाने के लिए ‘100 दिन 100 भुगतान’ (100 Days 100 Pays) अभियान को शुरू किया है। केंद्रीय बैंक ने यह अभियान बैंक में लावारिस जमा को उनके सही मालिकों/दावेदारों को वापस करने के लिए किया है।
क्या होता है लावारिस जमा ?
किसी जमा को लावारिस यानी अनक्लेमड तब माना जाता है, जब उस डिपॉजिट पर 10 साल या उससे ज्यादा समय तक कोई गतिविधि (डिपॉजिट या निकासी) नहीं हुई हो। इसके बाद बैंक ऐसे जमा राशियों को आरबीआई द्वारा बनाए गए “जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता” (DEA) फंड में ट्रांसफर कर देते हैं।
फरवरी, 2023 तक आरबीआई के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने आरबीआई को लावारिस जमा के रूप में ₹ 35,012 करोड़ की पर्याप्त राशि हस्तांतरित की थी।
वर्तमान में, देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के पास 8,086 करोड़ रुपये की लावारिस जमा राशि है। दूसरे नंबर पर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) है जिसके पास 5,340 करोड़ रुपये का लावारिस जमा है।
RBI की आधिकारिक प्रेस रिलीज़
बचत/ चालू खातों, जो 10 वर्षों से परिचालित नहीं है, में शेषराशियों या परिपक्वता की तारीख से 10 वर्षों तक दावा नहीं की गई सावधि जमाराशियों को “अदावी जमाराशियों” के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इन राशियों को बैंकों द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अनुरक्षित “जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता” (डीईए) निधि में अंतरित किया जाता है। भारतीय रिज़र्व बैंक, समय-समय पर, अपनी जन जागरूकता पहलों के माध्यम से जनता को ऐसी जमाराशियों का दावा करने के लिए संबंधित बैंक की पहचान करने और उससे संपर्क करने के लिए प्रोत्साहित करता रहा है। हाल ही में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने जनता के लिए विभिन्न बैंकों में अदावी जमाराशियों को खोजने के लिए एक केंद्रीकृत वेब पोर्टल की स्थापना की भी घोषणा की है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज बैंकों के लिए ‘100 दिन 100 भुगतान’ अभियान की घोषणा की है ताकि 100 दिनों के भीतर देश के प्रत्येक जिले में प्रत्येक बैंक की शीर्ष 100 अदावी जमाराशियों का पता लगाया जा सके और उनका निपटान किया जा सके। यह उपाय भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंकिंग प्रणाली में अदावी जमाराशियों की मात्रा को कम करने और ऐसी जमाराशियों को उनके सही मालिकों/ दावेदारों को लौटाने के लिए चल रहे प्रयासों और पहलों का पूरक होगा।
बैंक 01 जून 2023 से अभियान की शुरूआत करेंगे।
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