भारत में दुनिया का सबसे बड़ा डाक नेटवर्क है। पूरे देश में 1.59 लाख से अधिक डाकघर फैले हुए हैं जिनमें से 90% ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। देशभर में 4.28 लाख से ज्यादा लेटर बॉक्स हैं। भारतीय डाक विभाग में लगभग 4.14 लाख से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं जो देश को जोड़ने में लगे हैं।
इंडिया पोस्ट (डाक विभाग) हर साल 10 से 13 अक्टूबर तक ‘राष्ट्रीय डाक सप्ताह’ मनाता है। इस महोत्सव का उद्देश्य इंडिया पोस्ट की भूमिकाओं और गतिविधियों के बारे में राष्ट्रीय स्तर पर जनता और मीडिया के बीच व्यापक जागरूकता पैदा करना है।
राष्ट्रीय डाक सप्ताह के हिस्से के रूप में, डाक जीवन बीमा दिवस, बैंकिंग दिवस, व्यवसाय विकास दिवस, डाक टिकट संग्रह दिवस और डाकघर दिवस (Postal Life Insurance Day, Banking Day, Business Development Day, Philately Day and Post Office Day) डाक विभाग द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मनाया जाता है।
Date | Day |
9th October | World Post Day |
10th October | Banking Day |
12th October | Postal Life Insurance Day |
13th October | Philately Day |
14th October | Business Development Day |
15th October | Mails Day |
आइये जानतें हैं डाक सेवा के महत्त्व के बारे में
डाक विभाग अपने विशाल नेटवर्क का लाभ उठाते हुए सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में प्रमुख भूमिका निभा रहा है।
देश में व्यापक बीमारी के दौरान, ये सेवाएं हर संवेदनशील क्षेत्र में दवाएं, कोविड-19 परीक्षण किट और मेडिकल पार्सल पहुंचाने का एकमात्र विकल्प था।
भारत में पिन कोड प्रणाली : भारतीय डाक की पिन प्रणाली के बारे में कुछ रोचक तथ्य
केंद्रीय संचार मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव श्रीराम भीकाजी वेलंकर ने 15 अगस्त 1972 को 6 अंकों की पिन प्रणाली प्रस्तुत की।
- पिन का पहला अंक क्षेत्र को दर्शाता है।
- दूसरा अंक उप-क्षेत्र को दर्शाता है।
- तीसरा अंक जिले को दर्शाता है।
- अंतिम तीन पिन अंक उस डाकघर के कोड को दर्शाते हैं जिसके अंतर्गत संबंधित पता (एड्रेस) आता है।
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