आज से 20-30 साल पहले बच्चे खाली समय में पेड़, रेत, पत्थरों और प्राकृतिक चीजों के साथ खेलते थे लेकिन आजकल सभी वर्ग के बच्चे टीवी, मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप एवं प्ले स्टेशन में समय बिता रहे हैं। इस कारण कंप्यूटर के सामने लंबे समय तक बैठने के बाद आप खुद को भेंगापन और आँखें मलते हुए पा सकते हैं। साथ ही साथ धुंधली दृष्टि, खुजली और पानी वाली आंखों, सिरदर्द, दोहरी दृष्टि और आंखों के तनाव के अन्य लक्षणों से पीड़ित वयस्कों की संख्या में वृद्धि हुई है।
ये गैजेट्स उपयोगकर्ताओं को चेहरे(Face) के निकट एक ही दूरी पर अपनी आंखों को ध्यान से केंद्रित करने के लिए मजबूर करते हैं।
आंखें व्यापक करीबी काम करने के लिए नहीं बनाई गई हैं। लेकिन अब, हमारी लगभग सारी प्रक्रिया निकट दूरी पर हो रही है, और इससे आंखों की मांसपेशियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
लेखक मार्क ग्रॉसमैन
Improve Eyesight & Eye Strain Through Yoga
आंखों को अधिक लचीला और अनुकूलनीय बनाकर, आप आंखों की समस्याओं को कुछ हद तक बचा सकते हैं, और उनमें सुधार भी कर सकते हैं। जब अगली बार आप स्क्रीन पर घूरते हुए अपनी आँखें रगड़ते हुए पाएं, तो निम्नलिखित अभ्यासों का प्रयोग कर सकते हैं तथा आवश्यकतानुसार इन व्यायामों को दोहरा भी सकते हैं। आइये जानें अपनी आँखों की दृष्टि को बढ़ाने के लिए कुछ सरल व्यायाम।
पामिंग – Palming
- अपने हाथों को 10 से 15 सेकंड तक एक साथ रगड़ें जब तक कि वे गर्म और ऊर्जावान महसूस न करें।
- हथेलियों को अपनी आंखों की पलकों के ऊपर रखें।
- हथेलियों की गर्माहट को आंखों पर स्थानांतरित होते हुए महसूस करें।
- आँखें बंद रखते हुए हाथ आँखों से हटा लें।
- एक बार फिर हथेलियों को रगड़ें और इस प्रक्रिया को कम से कम तीन बार दोहराएं।
- सुखदायक महसूस होते ही धीरे-धीरे आंखें खोलें।
आँख घुमाना – Eye Rolling
- रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए खुद को आरामदायक सीधा रखें।
- अपने हाथों को अपनी गोद में रखें।
- अपना सिर हिलाए बिना, धीरे-धीरे अपनी आंखों को दक्षिणावर्त(क्लॉकवाइज) दिशा में घुमाएं।
- जितना संभव हो उतना बड़ा वृत्त(circle) बनाएं।
- यह प्रक्रिया तीन बार दोहराएं, फिर आंखें बंद करें।
- फिर अपना सिर हिलाए बिना, धीरे-धीरे अपनी आंखों को वामावर्त(एंटी-क्लॉकवाइज) दिशा में घुमाएं।
- क्लॉकवाइज और एंटी-क्लॉकवाइज घुमाने की प्रक्रिया को 5 से 10 मिनट तक करें।
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फोकस शिफ्टिंग – Focus Shifting
- अपने शरीर को आराम दें और आराम से सांस लें।
- एक हाथ को अपने सामने ढीला मुट्ठी में सीधा रखें, जिसमें अंगूठा ऊपर की ओर हो।
- अपने अंगूठे पर ध्यान दें।
- अपनी आंखों को अंगूठे पर ध्यान केंद्रित रखते हुए, धीरे-धीरे अंगूठे को अपनी नाक की ओर ले जाएं।
- एक या दो सांस के लिए रुकें, फिर अंगूठे पर ध्यान बनाए रखते हुए हाथ को उसकी मूल स्थिति में वापस लाएँ।
- इस प्रक्रिया को 5-5 बार दोनों हाथों के अगूंठे से करें।
फोकस स्विचिंग – Focus Switching
- अपने शरीर को आराम दें और आराम से सांस लें।
- दांये हाथ को अपने सामने ढीला मुट्ठी में सीधा रखें, जिसमें अंगूठा ऊपर की ओर हो।
- अपने अंगूठे पर ध्यान दें।
- अपनी आंखों को अंगूठे पर ध्यान केंद्रित रखते हुए, धीरे-धीरे दांये हाथ के अंगूठे को ९० डिग्री दांये कान की ओर ले जाएं।
- एक या दो सांस के लिए रुकें, फिर अंगूठे पर ध्यान बनाए रखते हुए हाथ के अंगूठे को उसकी मूल स्थिति पर वापस लाएँ।
- इस प्रक्रिया को ५ – ५ बार दोनों हाथों के अगूंठे से करें।
- दांये हाथ की प्रक्रिया पूर्ण होने पर, इसे बांये हाथ के अंगूठे के साथ इस पूरी प्रक्रिया दोहराएं।
भ्रामरी प्राणायाम – Bharmari Pranayama
- रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए खुद को आरामदायक सीधा रखें, अपनी आँखें बंद करें।
- अपनी तर्जनी उंगलियों को दोनों कानों पर रखें।
- अपना मुंह बंद रखते हुए नाक से ही सांस लें और छोड़ें।
- सांस छोड़ने के दौरान ऊँ का उच्चारण भी करें।
- इस प्रक्रिया को 5 से 7 बार दोहराएं।
- 5 से10 सेकंड शांत रहें और सामान्य अवस्था में लौट आएं।
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