तिरुपति, आंध्र प्रदेश के श्रीवेंकटेश्वर प्राणी उद्यान (SV Zoo) में शुक्रवार को एक दुखद घटना हुई जब 17 वर्षीय रॉयल बंगाल टाइगर की मौत हो गई। यह बाघ, जिसे “मधु” के नाम से जाना जाता था, पिछले कुछ समय से उम्र संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहा था।
मधु की जीवन यात्रा
मधु को 2006 में SV Zoo लाया गया था। अपने जीवन के दौरान, वह आगंतुकों के आकर्षण का केंद्र रहा और अपनी शानदार उपस्थिति के लिए प्रसिद्ध था। हालांकि बाघों की औसत आयु 12-15 साल होती है, मधु ने 17 वर्ष तक का लंबा जीवन जिया।
स्वास्थ्य समस्याएं बनीं मौत का कारण
SV Zoo के अधिकारियों के अनुसार, मधु की उम्र से संबंधित बीमारियां, जैसे भूख कम लगना और शारीरिक कमजोरी, उसकी हालत को धीरे-धीरे बिगाड़ रही थीं। जू के पशु चिकित्सा विशेषज्ञों ने मधु की देखभाल में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन उम्र के प्रभाव को रोका नहीं जा सका।
प्रकृति संरक्षण की आवश्यकता
मधु की मौत ने रॉयल बंगाल टाइगर जैसे अद्भुत जीवों के संरक्षण की आवश्यकता को एक बार फिर रेखांकित किया। वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि बाघों की घटती संख्या को रोकने के लिए ज़्यादा प्रयास करने की ज़रूरत है।
तिरुपति ज़ू प्रशासन और मधु के चाहने वालों ने उसकी मौत पर शोक व्यक्त किया। मधु का नाम इतिहास में उन बाघों के रूप में दर्ज रहेगा, जिन्होंने मानव और प्रकृति के बीच के बंधन को मजबूत किया।