प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जी-20 बैठक का उद्घाटन किया। इस अवधि के दौरान, भारत की अध्यक्षता में अफ्रीकी संघ जी-20 का स्थायी सदस्य बन गया। जब प्रधानमंत्री अतिथि देशों के सदस्यों और नेताओं को संबोधित कर रहे थे, तो पूरे देश का ध्यान उनकी मेज पर रखी लकड़ी की नेम प्लेट पर गया। इस बार खास बात यह रही कि नेमप्लेट पर दुनिया में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले नाम ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ लिखा हुआ था।
दरअसल, 9 सितंबर को जी-20 कार्यक्रम के दौरान भारत मंडपम में आयोजित होने वाले रात्रिभोज के लिए ‘भारत के राष्ट्रपति’ की ओर से निमंत्रण पत्र भेजा गया है। अब इस निमंत्रण पत्र पर छपे ‘भारत’ शब्द को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। राजनीतिक दलों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी सरकार देश के नाम पर भी हमला कर रही है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि जब संविधान के अनुच्छेद 1 में कहा गया है कि इंडिया, जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ होगा, तो इसमें से इंडिया शब्द क्यों हटाया जा रहा है। हालांकि, कांग्रेस नेता शशि थरूर का कहना है कि जब संविधान में इंडिया और भारत दोनों का जिक्र है तो इसमें कोई संवैधानिक आपत्ति नहीं होनी चाहिए। लेकिन इस नाम को लेकर न सिर्फ कांग्रेस बल्कि भारतीय जनता पार्टी के नेता भी भारत के समर्थन में ट्वीट और बयान दे रहे हैं।
संविधान संशोधन के जरिए नाम बदलने की भी चर्चा है। गौरतलब है कि जी-20 में भारत का नाम आने के साथ ही उस बहस ने भी जोर पकड़ लिया है जिसमें इंडिया का नाम बदलकर भारत करने की बात हो रही है। कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाने का ऐलान किया था। इसके बाद से ही अटकलें लगने लगीं कि केंद्र सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर के समारोहों में इंडिया की जगह भारत नाम का इस्तेमाल शुरू करने जा रही है और संसद में भी इंडिया नाम को स्थायी रूप से भारत किया जा सकता है।
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