भारत बना रहा है 1400km लंबी दीवार ! जानें क्यों?

BvsuAABScsP0QAAAABJRU5ErkJggg== भारत बना रहा है 1400km लंबी दीवार ! जानें क्यों?

भारत एक विशाल “दीवार” बनाने जा रहा है। यह दीवार गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली तक 1,400 किलोमीटर लंबी होगी। इस दीवार का मकसद कुछ ऐसा है कि इससे पाकिस्तान की सीमा से सटे रेगिस्तानी इलाके फिर से हरे-भरे हो जाएंगे। दरअसल, इस दीवार का मकसद अरावली पर्वत श्रृंखला को फिर से हरा-भरा बनाना है। इसके लिए प्राकृतिक जंगल, नए पेड़-पौधे, खेती की जमीन और पानी के स्रोत बनाए जाएंगे। यानी सूखी धरती पर फिर से जीवन फूट पड़ेगा। जानते हैं क्या है यह हरित दीवार, क्यों इसे बनाया जा रहा है? क्या यह चीन की दीवार जैसी होगी? इसे अफ्रीका की दीवार जैसा क्यों बताया जा रहा है?

1 भारत बना रहा है 1400km लंबी दीवार ! जानें क्यों?

गुजरात के पोरबंदर से दिल्ली में महात्मा गांधी की समाधि राजघाट तक भारत 1,400 किमी लंबी एक हरित दीवार भारत बना रहा है। यह महात्मा गांधी की जन्मभूमि और समाधि स्थल को प्रतीकात्मक रूप से जोड़ेगी। राजस्थान और हरियाणा के 27 जिलों में फैला यह अरावली पुनर्वनीकरण प्रोजेक्ट है। इसमें 1.15 मिलियन हेक्टेयर में जंगल बहाल होंगे, पेड़ लगेंगे और खेती योग्य जमीन और जल निकायों को पुनर्जीवित किया जाएगा। 5 किमी चौड़ी यह हरित दीवार कार्बन सिंक का काम करेगी।

2 भारत बना रहा है 1400km लंबी दीवार ! जानें क्यों?

भारत अपनी एक बड़ी ‘ग्रीन वॉल’ बनाने जा रहा है। यह एक बहुत बड़ा पेड़ लगाने का प्रोजेक्ट है। इसका मकसद रेगिस्तान को बढ़ने से रोकना, धूल-प्रदूषण कम करना, जमीन के नीचे पानी बढ़ाना और जलवायु परिवर्तन से लड़ना है। यह गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली तक फैलेगी। यह प्रोजेक्ट अफ्रीकन यूनियन के ‘ग्रेट ग्रीन वॉल’ प्रोजेक्ट से प्रेरित है।

कितनी होगी इस परियोजना की लागत

इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 7,500 करोड़ रुपये है। इसके लिए केंद्र 78%, राज्य 20% और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियां 2% फंड देंगी। यह प्रोजेक्ट 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है। यह भारत के 2030 तक 25 मिलियन हेक्टेयर बंजर भूमि को बहाल करने के लक्ष्य के साथ मेल खाता है।

3 भारत बना रहा है 1400km लंबी दीवार ! जानें क्यों?

क्या हैं इस परियोजना के समक्ष चुनौतियां

इस प्रोजेक्ट के सामने कई तरह की चुनौतियां हैं। जमीन के छोटे-छोटे टुकड़ों में बंटा होना एक बड़ी समस्या है। ज्यादातर जमीन निजी हाथों में है। कई अलग-अलग विभागों को साथ मिलकर काम करना होगा। हरित दीवार के लिए एक साथ जुड़ी हुई ज़मीन मिलना मुश्किल है। सभी संबंधित लोगों को एक साथ काम करने के लिए राजी करना भी एक चुनौती है। इससे धूल-मिट्टी का प्रदूषण कम होगा। भूजल स्तर बढ़ेगा। मौसम में सुधार होगा। स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। पेड़-पौधे लगाने और खेती-बाड़ी से उनकी आमदनी बढ़ेगी।

इसलिए जरूरी है भारत के लिए यह प्रोजेक्ट

भारत में करीब 9.185 करोड़ हेक्टेयर जमीन बंजर है। यह देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 30% है। हरित दीवार प्रोजेक्ट 2030 तक 2.5 करोड़ हेक्टेयर बंजर जमीन को फिर से उपजाऊ बनाने के बड़े प्रयास का हिस्सा है। हरित दीवार एक तरह से कार्बन सिंक का काम करेगी। यह वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड सोख लेगी। इससे जलवायु परिवर्तन को कम करने में मदद मिलेगी।

अन्य खबरें

Total
0
Shares
Leave a Reply
Previous Post
Nagpur Unrest: हिंसा के 12 घंटे बाद तनावपूर्ण शांति, नागपुर के कई थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू; कई लोग घायल

Nagpur Unrest: हिंसा के 12 घंटे बाद तनावपूर्ण शांति, नागपुर के कई थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू; कई लोग घायल

Next Post
सुनीता विलियम्स की धरती वापसी: स्पेसएक्स ड्रैगन मिशन अपडेट

सुनीता विलियम्स की धरती वापसी: स्पेसएक्स ड्रैगन मिशन अपडेट

Related Posts
Total
0
Share