यूपी निकाय चुनाव का आयोजन दो चरणों में किया गया था, जिसमें पहले चरण के चुनाव 4 मई को हुए थे और दूसरे चरण के चुनाव 11 मई को सम्पन्न हुए हैं। इन चुनावों में कुल वार्डों की संख्या 75 थी। पहले चरण के चुनावों में 37 जिलों में चुनावी दंगल का आयोजन किया गया था जबकि दूसरे चरण के चुनावों में 38 जिलों में मतदान किए गए थे। यूपी निकाय चुनावों में सिरसागंज सीट पहले चरण के अंतर्गत आती है। इस सीट से भाजपा की प्रत्याशी रंजना सिंह ने अपना नामांकन दायर किया था, जिन्होंने इन चुनावों में भारी बहुमत से जीत हासिल की है। इन तमाम कारणों से वह विशाल जनमत प्राप्त करने में कामयाब रही हैं।
डॉ गुरुदत्त की समाजसेवी छवि का प्रभाव
भाजपा प्रत्याशी रंजना सिंह डॉ गुरुदत्त की पत्नी है, जिनकी समाजसेवी छवि का सकारात्मक प्रभाव उनकी पत्नी के व्यक्तित्व पर पड़ा है और यह सकारात्मक प्रभाव चुनावी रण में उनके लिए किसी हथियार से कम साबित नहीं हुआ। राजनीति में डॉ गुरुदत्त की छवि काफी साफ़ सुथरी और भरोसेमंद रही है। उनकी पत्नी रंजना सिंह एक पढ़ी लिखी प्रत्याशी हैं। इसके अलावा उन पर महिलाओं का विश्वास काफी गहरा है। उन्हें बड़ी संख्या में युवाओं का समर्थन भी प्राप्त है।
प्राप्त है प्रबल समर्थन
भारतीय जनता पार्टी भारत की एक बड़ी राष्ट्रीय पार्टी है, जिसका टिकट मिलना कोई छोटी बात नहीं है। इसके साथ ही उन्हें पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह का समर्थन प्राप्त है जो वर्तमान में भाजपा के मंत्री हैं। यूपी निकाय चुनाव में सिरसागंज सीट से रंजना सिंह की जीत ने पहली बार ठाकुरों की एकजुटता को प्रदर्शित किया है। वहीं डॉ गुरुदत्त को व्यापारी वर्ग का समर्थन पहले से ही प्राप्त है जिसका फायदा रंजना सिंह को हुआ है। इसके अलावा पूर्व प्रधान गोपाल सिंह का बेहतरीन मैनेजमेंट भी उनके लिए काफी लाभकारी साबित हुआ है।
जनता से बेहतरीन जुड़ाव का हुआ फायदा
किसी पार्टी के प्रत्याशी को जीत के द्वार तक पहुंचाने में उसके कार्यकर्ताओं का भी एहम योगदान होता है। रंजना सिंह को जीत दिलाने में उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं की भी काफी एहम भूमिका रही है। डिजिटल मीडिया और विज्ञापन के माध्यम से रंजना सिंह और उनके पति डॉ गुरुदत्त हर घर एवं हर मोबाइल तक पहुँच बनाने में कामयाब रहे हैं, जिसकी बदौलत उन्हें जीत का स्वाद चखने का सुनेहरा अवसर मिला है। इसके अलावा मोदी और योगी जैसे शीर्ष नेताओं के नेतृत्व से भी उन्हें काफी फायदा हुआ है।
जनता ने अपने वादे के अनुरूप रंजना को भारी विजय दिलाई। अब इनकी भी डगर कुछ आशान नही होगी। जर-जर मिली पुरानी व्यवस्था उनकी ओर उम्मीद भरी नज़र से निहार रही होगी।
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