मुरली मनोहर श्री कृष्ण के शहर वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर के अलावा ऐसे अनेक मंदिर है जिनके दर्शन करके आप भक्ति के अद्भुत रंग में रंग जाएंगे। इनमें प्रेम मंदिर, राधा रमण मंदिर और निधिवन जैसे धार्मिक स्थल शामिल हैं।
श्री कृष्ण का पावन धाम वृंदावन यमुना नदी के तट पर बसा है। यहां दुनिया भर के तमाम देशों से श्री कृष्ण के भक्त उनके दर्शन के लिए आते हैं। एसी मान्यता है कि कृष्ण ने अपना सारा बचपन इसी वृंदावन नगरी में बिताया था। शहर का नाम वृंदा (अर्थ तुलसी) और वैन (अर्थ ग्रोव) से लिया गया है। वृंदावन में राधा–कृष्ण के अनेक मंदिर हैं। इन मंदिरों में सबसे प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर और विश्वप्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर है। लेकिन इसके अलावा यहां ऐसे और भी मंदिर हैं जिनके दर्शन आपको ज़रूर करने चाहिए। इन मंदिरों के नाम निम्न हैं –
बांके बिहारी मंदिर –
श्री बांके बिहारी मंदिर मथुरा जिला के वृंदावन में स्थित है। इस मंदिर की गणना श्री कृष्ण के भव्य मंदिरों में की जाती है। यह मंदिर सम्पूर्ण विश्व में प्रतिष्ठित है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यह मंदिर ठाकुर के 7 मंदिरों में से एक है जिसमें श्री राधावल्लभ जी, श्री गोविंद देव जी और चार अन्य भी शामिल हैं। मंदिर में कृष्ण की छवि बाल रूप में है। इस मंदिर में कोई घंटी या शंख नही है क्योंकि भगवान को इनकी आवाज़ पसंद नही है।
प्रेम मंदिर –
प्रेम मंदिर वर्ष 2001 में जगतगुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा बनवाया गया था। यह मंदिर आकार में बहुत विशाल है। इस मंदिर की खासियत यह है कि यह मंदिर राधा–कृष्ण को समर्पित होने के साथ सीता–राम को भी समर्पित है। यह मंदिर शांति और पवित्रता के लिए विश्व विख्यात है। यहां आरती के समय भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है ।
राधा रमण मंदिर–
राधा रमण मंदिर वृंदावन रेलवे स्टेशन से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर पूर्णरूपेण कृष्ण को समर्पित है जिनका अभिप्राय राधा रमण के अर्थ में ही लिया जाता है। राधा रमण से तात्पर्य है राधा को प्रसन्न करने वाला। इस मंदिर को श्री कृष्ण के मूल शालिग्राम देवता के रूप में भी पूजा जाता है। एसी मान्यता है कि शालिग्राम देवता स्वयं प्रकट हुए थे। उनके मुख पर विचित्र सी रहस्यमई मुस्कान भी है।
निधिवन–
निधिवन वृंदावन के सुप्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इस मंदिर के साथ अनेक रहस्य जुड़ें हैं। एसी मान्यता है कि इस मंदिर में श्री कृष्ण हर रोज़ आकर गोपियों के साथ रासलीला रचाते हैं। शाम की आरती के बाद कोई भी पुजारी या श्रद्धालु इस मंदिर में प्रवेश नही कर सकता।
इस्कॉन वृंदावन मंदिर
इस मंदिर को श्री कृष्ण बलराम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस्कॉन के संस्थापक आचार्य प्रभुपाद का सपना था कि वह दोनो भाइयों कृष्ण और बलराम के लिए एक मंदिर बनवाएं। यह मंदिर वृंदावन के रमण रेती क्षेत्र में स्थित है जो यहां के प्रमुख आकर्षण स्थलों में से एक है। यहां प्रतिदिन होने वाली आरती के साथ ही गीता की शिक्षाएं भी दी जाती हैं।