भारत में टाइप 2 डायबिटीज अब एक आम समस्या बन चुकी है। आजकल हर चौथा युवा इस बीमारी से प्रभावित हो रहा है। लाइफस्टाइल में बदलाव, खराब खानपान और फिजिकल एक्टिविटी की कमी इसकी बड़ी वजहों में से एक है। पहले यह बीमारी बुजुर्गों में ही पाई जाती थी, लेकिन अब युवा भी तेजी से इसके शिकार हो रहे हैं। आइये जानते है कि क्या है इसकी वजह और डॉक्टर्स का क्या कहना है।
लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव
युवाओं में आजकल फास्ट फूड और जंक फूड का सेवन तेजी से बढ़ रहा है। इन चीजों में भारी मात्रा में चीनी और सैचुरेटेड फैट होता है, जो शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ाकर टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ाती है। इसके अलावा, फिजिकल एक्टिविटी में कमी और ज्यादा समय तक बैठे रहने की आदत भी इस समस्या को और गंभीर बना रही है।
मेंटल स्ट्रेस और काम का दबाव
आजकल हर युवा मेंटल स्ट्रेस में है। स्ट्रेस किसी भी रीज़न से हो, चाहे वह काम का हो या पर्सनल लाइफ का, इसका असर सीधा हेल्थ में पड़ता है। युवाओ में काम का बोझ लगातार बढ़ रहा है। यह स्ट्रेस शरीर में हार्मोन्स बदलाव की वजह बनता है, जो डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है।
डॉक्टर्स का सुझाव
फलों, सब्जियों और पूरे अनाज जैसे पौष्टिक फूड आइटम्स को अपनी डाइट में शामिल करें। रोजाना कम से कम 30 मिनट की मॉडरेट इंटेंसिटी फिजिकली एक्टिविटी करें। योग, ध्यान और प्राणायाम जैसी हेल्दी हैबिट्स को अपनाकर आप स्ट्रेस को कम कर सकते हैं। रोजाना 7-8 घंटे की नींद लेना जरूरी है। नींद की कमी ब्लड शुगर के स्तर को प्रभावित कर सकती है। साथ ही, डॉक्टर से रेगुलर हेल्थ चेकअप करवाएं और अपनी ब्लड शुगर को मॉनिटर करते रहें।