सितारों की दुनिया में आए सैकड़ों रहस्यमय सिग्नल ने चौंकाया

सितारों की दुनिया में आए सैकड़ों रहस्यमय सिग्नल ने चौंकाया

सितारों की दुनिया से धरती पर आए सैकड़ों रहस्यमय सिग्नल ने वैज्ञानिकों को चौंका दिया है। चीन के शक्तिशाली
टेलीस्कोप ने इन सिग्नल को रिकॉर्ड किया है। नेचर और नेचर कम्युनिकेशन में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, 82
घंटे तक 1,863 सिग्नल आए। इसकी पुष्टि अमेरिकी वैज्ञानिकों ने भी की है।

अब इन सिग्नल को डिकोड करने के लिए अमेरिका और चीन के वैज्ञानिक मिलकर कोशिश कर रहे हैं। वैज्ञानिकों
ने बताया कि ये नए प्रकार के रेडियो सिग्नल हैं, जो सामान्य फास्ट रेडियो बर्स्ट (एफआरबी) से अलग हैं।

वैज्ञानिकों ने लगातार 91 घंटे उसी दिशा में रेडियो टेलिस्कोप से इन सिग्नलों की निगरानी की है। उन्होंने कहा,
यह सिग्नल हमारी पृथ्वी से सुदूर एक गैलेक्सी से आ रहे थे, जिस जगह से सिग्नल आ रहे हैं, उसका नाम
एफआरबी-20201124ए है।

इसे चीन के फाइव हंड्रेड मीटर अपर्चर स्फेरिकल रेडियो टेलिस्कोप ने पकड़ा है। इन सिग्नलों का अध्ययन कर रहे
चीन के पेकिंग यूनिवर्सिटी के एस्ट्रोनॉमर हेंग शू ने बताया, उस गैलेक्सी में कोई मैग्नेटार यानी न्यूट्रॉन स्टार है,
जो यह रेडियो सिग्नल भेज रहा है। उसके पास बहुत ज्यादा मैग्नेटिक फील्ड है। गौरतलब है कि एफआरबी-
20201124ए अंतरिक्ष में उस तरह का तारा है, जैसे जंगल में घूमता कोई खूंखार मांसाहारी जानवर।

वैज्ञानिकों ने एफआरबी-20201124ए को मॉनिटर किया। इस दौरान उसने रिपीट मोड में लगातार सिग्नल भेजे।
हैरानी की बात ये है कि ये स्रोत सिग्नल भेजने के साथ-साथ पोलराइजेशन (चुंबकीय शक्ति) भी कर रहा था, यानी
यह प्रकाश की किरणों को थ्री-डायमेंशनल स्पेस में भेज रहा था।

एमआईटी रिकॉर्ड कर चुका है ऐसे सिग्नल
पिछले कुछ सालों से अमेरिका, चीन के वैज्ञानिकों ने ऐसे कई सिग्नलों को पकड़ा है। मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ
टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के वैज्ञानिकों ने भी ऐसे सिग्नलों को दर्ज किया था, जो तीन सेकेंड तक सक्रिय था।

सिग्नलों को समझने का प्रयास जारी
लास वेगास स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ नेवादा की एस्ट्रोफिजिसिस्ट बिंग झांग ने कहा, यह रेडियो सिग्नल हमारी
कल्पना से बहुत ज्यादा रहस्यमयी हैं। अब इन सिग्नलों को समझने का प्रयास किया जा रहा है कि कहीं किसी
और दुनिया से हमारे लिए किसी तरह का कोई संदेश तो नहीं आ रहा है।

50 करोड़ सूरज के बराबर ऊर्जा
फास्ट रेडियो बर्स्ट (एफआरबी) को 15 साल पहले खोजा गया था। तब से लेकर अब तक ये सिग्नल लगातार
वैज्ञानिकों को परेशान कर रहे हैं। उन्हें समझना मुश्किल होता जा रहा है। किसी एक का रहस्य वैज्ञानिक सुलझा
नहीं पाते कि उन्हें नए तरह का एफआरबी मिल जाता है। ये रेडियो बर्स्ट इतनी ऊर्जा छोड़ते हैं, जितने 50 करोड़
सूरज मिलकर निकालेंगे।

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