देश में विकास हो रहा है। ट्रेन, फ्लाइट से लेकर समुद्री मार्ग तक हर जगह विकास कार्य जोरों से चल रहा है। सबसे खास बात यह है कि अब लोग समुद्र में डूबी भगवान कृष्ण की द्वारका नगरी को भी देख सकेंगे। यह एक सपने जैसा लगता है। समुद्र में डूबी मूल द्वारका नगरी को देखने के लिए सरकार द्वारा एक पनडुब्बी परियोजना लाई गई है। लोग अब समुद्र में 300 फीट नीचे जाकर द्वारका नगरी देख सकेंगे।
काम कब पूरा होगा?
पनडुब्बी की मदद से दिवाली तक द्वारका घूमने का मौका मिल सकता है। उम्मीद है कि दिवाली तक सेवा शुरू हो जाएगी। हालाँकि, अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। राज्य सरकार ने सरकारी कंपनी डॉक शिपयार्ड के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया है। इसके साथ ही मूल द्वारका में अरब सागर पर एक बड़ा केबल ब्रिज बनाया जा रहा है।
इसकी घोषणा गुजरात वाइब्रेंट समिट के दौरान की गई है। बताया जा रहा है कि ये पनडुब्बी यात्रा करीब दो से ढाई घंटे तक चलेगी।
पनडुब्बी का वजन
- द्वारका दर्शन के लिए पानी में उतरने वाली पनडुब्बी का वजन करीब 35 टन होगा। इसके अंदर एक साथ 30 लोग बैठ सकेंगे और पानी के अंदर जा सकेंगे। हर सीट पर एक खिड़की होगी यानी सीटें एक पंक्ति में लगेंगी, जिससे लोग समुद्री जीवन को आसानी से देख सकेंगे।
- साथ ही लोगों के साथ 2 गोताखोर और एक गाइड भी अंदर रहेगा। 6 अन्य लोग क्रू मेंबर और 2 ड्राइवर होंगे। इसके अतिरिक्त पनडुब्बी के साथ एक तकनीशियन भी रहेगा।
- हर यात्री ऑक्सीजन मास्क, फेस मास्क और स्कूबा ड्रेस से लैस होगा। पनडुब्बी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी। इससे आप पनडुब्बी में बैठे-बैठे हर तरह की गतिविधियों को देख सकेंगे, साथ ही उसे स्क्रीन पर रिकॉर्ड भी कर सकेंगे।
पनडुब्बी किराया
गुजरात सरकार ने अभी किराए की घोषणा नहीं की है। लेकिन कहा जा रहा है कि, इसे किराए पर लेना महंगा हो सकता है। सरकार आम लोगों को ध्यान में रखते हुए इसमें सब्सिडी दे सकती है।