लक्षद्वीप (Lakshadweep) भारत का एक द्वीप समूह है। संस्कृत और मलयालम में लक्षद्वीप का नाम ‘एक लाख द्वीप’ है। वर्तमान में, 36 छोटे-छोटे द्वीपों का समूह है लक्षद्वीप। प्रशासन की दृष्टि से यह द्वीप-समूह भारत का सबसे छोटा केंद्र शासित प्रदेश है। लक्षद्वीप में 36 द्वीप हैं और क्षेत्रफल 32 वर्ग किमी है। यहाँ की जनसँख्या लगभग 70 हजार है। लक्षद्वीप की विशेष बात यह भी है यहाँ की साक्षरता दर 91.82% है, यानि हर 100 में से 91 लोग पढ़े-लिखे हैं।
लक्षद्वीप की कुछ विशेष बातें
- लक्षद्वीप में 36 द्वीप हैं।
- लक्षद्वीप का क्षेत्रफल 32 वर्ग किमी है।
- लक्षद्वीप की जनसँख्या लगभग 70 हजार है।
- लक्षद्वीप भारत का सबसे छोटा यूनियन टेरिटरी / केंद्र शासित प्रदेश है।
- लक्षद्वीप दस बसे हुए द्वीप, 17 निर्जन द्वीप द्वीप, चार नवगठित वीरान द्वीप और 5 जलमग्न चट्टानें (रीफ) शामिल हैं।
लक्षद्वीप का इतिहास – History of Lakshadweep
यदि लक्षद्वीप के इतिहास की बात की जाए तो यहाँ का सबसे प्राचीन लिखित उल्लेख बौद्ध धर्म की जातक कहानियों में मिलता है। इसके अतिरिक्त, संगम साहित्य और अरब यात्री इब्न-बतूता की कहानियों में भी इन द्वीपों का विस्तार से उल्लेख है। मध्यकाल में लक्षद्वीप द्वीप-समूहों का नियंत्रण चोल व चेर राजाओं के अधीन और बाद में कन्नूर साम्राज्य के अंतर्गत आ गया।
प्रारम्भ में तो यहां पर हिन्दू और बौद्ध धर्म का प्रचलन था, लेकिन 631 ईस्वी में उबैदुल्लाह के आगमन के बाद इस्लाम का आना हुआ। वर्ष 1787 में लक्षद्वीप पर टीपू सुल्तान का कब्जा हो गया। 16वीं सदी में लक्षद्वीप पुर्तगालियों के नियंत्रण में आ गया। ये द्वीप ब्रिटिश राज के दौरान मद्रास प्रेसीडेंसी के मालाबार जिले के अंतर्गत आए। बाद में, इसे कोझिकोड से जोड़ दिया गया।
कैसे बना लक्षद्वीप भारत का अंग? – How Lakshadweep Became Part of India?
बात उन दिनो की है जब राष्ट्र स्वतंत्र हुआ था और देश का विभाजन हुआ था। भारतवर्ष दो भागों में विभक्त हुआ – भारत और पाकिस्तान। भारत के तत्कालीन गृहमंत्री और उप-प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने 500 से अधिक रियासतों को एकीकृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वहीं, पाकिस्तान की ओर से इस कार्य में मोहम्मद अली जिन्ना व पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री लियाकत अली खान लगे हुए थे।
प्रारम्भ में तो लक्षद्वीप भारत और पाकिस्तान में से किसी के भी अधिकार क्षेत्र में नहीं था क्योंकि दोनों ही पहले लैंड प्रांतों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे थे। उस समय किसी का भी ध्यान लक्षद्वीप पर नहीं गया। कुछ महीनों बाद पाकिस्तान के लियाकत अली खान लक्षद्वीप के मुस्लिम बहुल इलाका होने के कारण और के उस समय तक इसपर दावा न करने के कारण अपने अधिकार में लेने का सोंचा। उसी वक्त भारत के गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल भी लक्षद्वीप के बारे में ही सोच रहे थे।
इसी बीच पाकिस्तान ने अपना एक युद्धपोत लक्षद्वीप के लिए भेजा और उधर भारत ने अपनी सेना को रवाना कर दिया। दोनों सेनाओं की इस दौड़ में भारत की सेना पहले लक्षद्वीप पहुंची और भारतीय सेना ने वहां तिरंगा फहरा दिया। कुछ ही समय बाद पाकिस्तान का युद्धपोत भी वहां पहुंचा लेकिन भारत का झंडा देखकर वह युद्धपोत वापस लौट गया। तब से लक्षद्वीप भारत का एक अटूट अंग है। केंद्र शासित प्रदेश के रूप में इसका गठन सन् 1956 में हुआ और 1973 में इसका नाम लक्षद्वीप रखा गया था।
लक्षद्वीप में कितने द्वीप हैं?
36
लक्षद्वीप का क्षेत्रफल कितना है?
32 वर्ग किमी
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