गोस्वामी तुलसीदास – Goswami Tulsidas: जयंती विशेष

गोस्वामी तुलसीदास - Goswami Tulsidas: जयंती विशेष
असली नाम - रामबोला दुबे
गुरु - नरहरिदास
आराध्य - श्री रामचंद्र, भगवान शिव
जन्म - 11 अगस्त 1532 | श्रावण शुक्ला सप्तमी | तुलसीदास जयंती
जन्म स्थान - उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के राजपुर में
मृत्यु - 31 जुलाई 1623, वाराणसी के अस्सी घाट
वैवाहिक स्थिति - शादीशुदा
भाषा - अवधि, संस्कृत
पिता - आत्माराम शुक्ल दुबे
माता - हुलसी
प्रसिद्ध ग्रंथ / रचनाएँ - रामचरितमानस, पार्वती-मंगल, विनय-पत्रिका, गीतावली, कृष्ण-गीतावली, जानकी-मंगल, रामललानहछू, दोहावली, वैराग्यसंदीपनी, रामाज्ञाप्रश्न, सतसई, बरवै रामायण, कवितावली, हनुमान बाहुक

भारतीय साहित्य और आध्यात्मिक जगत में सबसे लब्ध-प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों में से एक गोस्वामी तुलसीदास लाखों लोगों के ह्रदय में एक अद्वितीय स्थान रखते हैं। उनका जीवन  भक्ति, कविता की शक्ति उनकी स्थायी विरासत का प्रमाण हैं। 16वीं शताब्दी में जन्मे, तुलसीदास को उनकी महान रचना, “रामचरितमानस”, जो कि भगवन श्री राम के जीवन पर आधारित एक महाकाव्य है, के लिए जाना जाता है।

तुलसीदास का जन्म चंद्र हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को हुआ था। यद्यपि उनके जन्मस्थान के रूप में कम से कम तीन स्थानों का उल्लेख किया गया है, अधिकांश विद्वान उस स्थान की पहचान उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले के सोरोन से करते हैं, जो गंगा नदी के तट पर स्थित एक शहर है। 2012 में सोरों को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर तुलसी दास का जन्मस्थान घोषित किया गया था। श्रीमति हुलसी व आत्माराम दुबे उनके माता-पिता थे।

तुलसीदास की मृत्यु 111 वर्ष की आयु में 31 जुलाई, 1623 (विक्रम 1680 के श्रावण मास) को गंगा नदी के तट पर अस्सी घाट पर हुई। उनके जन्म के वर्ष की तरह, पारंपरिक विवरण और जीवनीकार उनकी मृत्यु की सही तारीख पर सहमत नहीं हैं।

तुलसीदास को गोस्वामी क्यों कहा जाता है?

तुलसीदास जी को गोस्वामी तुलसीदास जी के नाम से जाना जाता है। गोस्वामी का अर्थ होता है इंद्रियों को वश में करने वाला इंद्रियों का स्वामी अर्थात जितेन्द्रिय। तुलसीदास जी अपनी धर्म पत्नी द्वारा धिक्कारे जाने पर उन्होंने सांसारिक मोहमाया से विरक्त होकर संन्यासी हो गये थे। अर्थात जितेन्द्रिय या गोस्वामी हो गये। इसी परिप्रेक्ष्य में तुलसीदास जी को गोस्वामी की उपाधि से विभूषित किया जाने लगा।

गोस्वामी तुलसीदास की रचनाएँ

गोस्वामी जी की प्रत्येक रचना अपने आप में अद्वितीय है और आम जनमानस के मानस-पटल पर अंकित है। उनमें से कुछ के विषय में जानते हैं इस लेख के माध्यम से।

रामचरितमानस: एक साहित्यिक उत्कृष्ट कृति

तुलसीदास की सर्वोच्च उपलब्धि निस्संदेह “रामचरितमानस” है, जो रामायण का एक काव्यात्मक पुनर्पाठ है। यह महाकाव्य अवधी बोली में लिखा गया है और इसमें सात कांड (खंड) हैं, जिनमें से प्रत्येक भगवान राम के जीवन के विभिन्न चरणों को समर्पित है।

जो चीज़ “रामचरितमानस” को बाकी रामकथा से पृथक करती है वह है इसकी पहुंच; तुलसीदास ने इसे स्थानीय भाषा में लिखा, जिससे यह व्यापक जनमानस तक पहुंचा। “रामचरितमानस” एक कालजयी कृति है जो न केवल भगवान राम की वीरता की कहानी बताती है बल्कि मूल्यवान नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा भी देती है।

श्री हनुमान चालीसा

“श्री हनुमान चालीसा”, श्री हनुमान जी महाराज को समर्पित एक भक्ति भजन है, जो कि तुलसीदास के भंडार का एक और रत्न है। यह कृति गोस्वामी तुलसीदास का श्री हनुमान जी महाराज के प्रति समर्पण की एक शक्तिशाली अभिव्यक्ति है, यह अपनी सादगी और गहन आध्यात्मिक महत्व के लिए पूजनीय है, लाखों भक्त इसका नियमित रूप से पाठ करते हैं।

विनय पत्रिका

विनय-पत्रिका तुलसीदास के 279 स्तोत्र गीतों का संग्रह है। इन पदों में गणेश, सूर्य, शिव, पार्वती, गंगा, यमुना, काशी, चित्रकूट, हनुमान, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, सीता और विष्णु के एक विग्रह विन्दु माधव के गुणगान के साथ राम की स्तुतियाँ हैं। विनय पत्रिका के पद मुक्तक होते हुए भी एक निश्चित क्रम मे बँधे हुए हैं। विनयपत्रिका को भक्तिरस ओतप्रोत सर्वश्रेष्ठ भारतीय ग्रंथ माना गया है।

विरासत और प्रभाव

गोस्वामी तुलसीदास का प्रभाव धार्मिक और साहित्यिक सीमाओं से परे तक फैला हुआ है। भक्ति, अध्यात्म, नैतिकता और धार्मिकता के मार्ग पर उनकी शिक्षाएँ जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों को प्रेरित करती रहती हैं। उनके कार्य समय से परे हैं और मार्गदर्शन तथा प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं। उनकी रचनाएँ आज भी लाखों लोगों के लिए ईश्वरीय सत्ता तक पहुँचने का साधन हैं। 

यदि आपको हमारा यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर करना ना भूलें और अपने किसी भी तरह के विचारों को साझा करने के लिए कमेंट सेक्शन में कमेंट करें।

UltranewsTv देशहित

यदि आपको हमारा यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर करना ना भूलें | देश-दुनिया, राजनीति, खेल, मनोरंजन, धर्म, लाइफस्टाइल से जुड़ी हर खबर सबसे पहले जानने के लिए UltranewsTv वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें।
pCWsAAAAASUVORK5CYII= भारत के प्रधानमंत्री - Prime Minister of India

भारत के प्रधानमंत्री – Prime Minister of India

Bharatiya Janata Party

भारतीय जनता पार्टी – BJP

भारत के राष्ट्रपति | President of India

भारत के राष्ट्रपति : संवैधानिक प्रमुख 

Total
0
Shares
Previous Post
भारत विरोधी बयान के बाद मालदीव्स के राष्ट्रपति मुइज्जू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी!

भारत विरोधी बयान के बाद मालदीव्स के राष्ट्रपति मुइज्जू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी!

Next Post
लाल बहादुर शास्त्री - Lal Bahadur Shastri

लाल बहादुर शास्त्री – Lal Bahadur Shastri

Related Posts
Total
0
Share