जल संरक्षण का मंत्र – Mantra of Water Conservation

hAFUBAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAALwGsYoAAaRlbhAAAAAASUVORK5CYII= जल संरक्षण का मंत्र - Mantra of Water Conservation

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘जल संचय जन भागीदारी’ अभियान की शुरुआत करते हुए यह कहा कि जल संरक्षण केवल नीतियों का नहीं, बल्कि सामाजिक निष्ठा का भी विषय है। उस पर लोगों को गंभीरता से चिंतन-मनन करना चाहिए, क्योंकि अपने देश में तमाम प्रयासों के बावजूद जल संरक्षण की दिशा में वैसा काम नहीं हो पा रहा है, जैसा होना चाहिए।

जल संरक्षण की उपयोगिता – Utility of water conservation 

बरसात के इस मौसम में तो जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए, क्योंकि इस दौरान वर्षा जल का बड़े पैमाने पर संचयन किया जा सकता है। वैसे तो जल संरक्षण के संदर्भ में कई नियम-कानून बने हुए हैं और केंद्र एवं राज्य सरकारों की ओर से लोगों को जल संरक्षण के लिए प्रेरित करने हेतु कई योजनाएं भी चलाई जा रही हैं, लेकिन अभी वे सही तरह क्रियान्वित नहीं हो रही हैं। इसका कारण जागरूकता का अभाव भी है और यह धारणा भी कि जल संरक्षण मूलतः सरकार और उसकी एजेंसियों का काम है। यह धारणा सही नहीं। जल संरक्षण जन भागीदारी की मांग करता है। जब जल संरक्षण जन आंदोलन का रूप लेगा, तभी बेहतर परिणाम मिल सकेंगे। ऐसे परिणाम मिलें, इसके लिए अपने- अपने स्तर पर सभी को प्रयत्न करने चाहिए। जल संरक्षण का अर्थ केवल वर्षा जल का संचयन ही नहीं है। इसके दायरे में पानी की बर्बादी को रोकना भी आता है और अपशिष्ट जल का शोधन करके उसे फिर से प्रयोग करना भी। अभी देश में यह काम एक सीमित स्तर पर ही हो रहा है।

जल संकट से बचाव के लिए हो सकता है महत्त्वपूर्ण – Can be important to prevent water crisis 

इससे सभी परिचित हैं कि आने वाले समय में जल संकट बढ़ने वाला है। केवल पीने के पानी की उपलब्धता ही कम नहीं हो रही है, बल्कि सिंचाई के पानी की कमी भी महसूस की जा रही है। बरसात का मौसम बीत जाने के कुछ समय उपरांत ही देश के अनेक इलाकों में जल संकट सिर उठा लेता है और गर्मियां आते- आते वह गंभीर रूप धारण कर लेता है। जल संकट का सामना तभी किया जा सकता है, जब जन-जन इसके प्रति सक्रिय होगा कि जल का हर स्तर पर संरक्षण कैसे किया जाए? 

प्रधानमंत्री ने खुद उठाया बीड़ा – The Prime Minister himself took the lead  

यह सही समय है कि प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण के संदर्भ में रिड्यूस, रियूज, रिचार्ज और रिसाइकिल का जो मंत्र दिया, उसे लोग अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। इसके लिए सरकारों के स्तर पर नए सिरे से प्रयास किया जाए, ताकि पानी की बर्बादी को रोका जा सके, उसे फिर से प्रयोग करने की आदत बढ़े और गिरते भूजल स्तर को ऊपर लाया ज सके। आज ऐसी तकनीक और उपाय आसानी से उपलब्ध हैं, जिनसे जल संरक्षण का काम कहीं अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सकता है। सरकारी एजेंसियों और लोगों के स्तर अभी यह काम छिटपुट स्तर ही किया जा रहा है। जल संरक्षण के मामले में यह भी समझा जाना चाहिए कि इसकी चिंता केवल बरसात में नहीं में ही नहीं, बल्कि पूरे वर्ष करनी होगी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न – FAQ

भारत में सबसे ज्यादा बारिश किस राज्य में होती है?

मेघालय

भारत में मानसून कब आता है?

भारत में मानसून जुलाई से सितम्बर माह के अंत तक रहता है।

भारत में सबसे ज्यादा बारिश कहाँ होती है?

मेघालय के मॉसिनराम में सबसे ज्यादा बारिश होती है।

यदि आपको हमारा यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर करना ना भूलें और अपने किसी भी तरह के विचारों को साझा करने के लिए कमेंट सेक्शन में कमेंट करें।

UltranewsTv देशहित

यदि आपको हमारा यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर करना ना भूलें | देश-दुनिया, राजनीति, खेल, मनोरंजन, धर्म, लाइफस्टाइल से जुड़ी हर खबर सबसे पहले जानने के लिए UltranewsTv वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें।
pCWsAAAAASUVORK5CYII= भारत रत्न : भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान

भारत रत्न : भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान

RSS - राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ: भारतीय जनमानस पर एक अमिट छाप

RSS – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ: भारतीय जनमानस पर एक अमिट छाप

भारत के उप-राष्ट्रपति – Vice Presidents of India

भारत के उपराष्ट्रपति – Vice Presidents of India

Total
0
Shares
Leave a Reply
Previous Post
राष्‍ट्रीय पोषण सप्‍ताह - National Nutrition Week : 1 - 7 सितम्बर

राष्‍ट्रीय पोषण सप्‍ताह – National Nutrition Week : 1 – 7 सितम्बर

Next Post
ठगों का मकड़जाल, लोग हो रहे कंगाल - Web of swindlers, people are becoming destitute

ठगों का मकड़जाल, लोग हो रहे कंगाल – Web of swindlers, people are becoming destitute

Related Posts
Total
0
Share