अहिल्याबाई होल्कर – Ahilya Bai Holkar : जयंती विशेष

अहिल्याबाई होल्कर - Ahilya Bai Holkar : जयंती विशेष

राजमाता अहिल्याबाई होल्कर (1725-1795) मालवा साम्राज्य की होलकर रानी थीं। उन्हें भारत की सबसे दूरदर्शी महिला शासकों में से एक माना जाता है। 18वीं शताब्दी में, मालवा की महारानी के रूप में, उन्होंने धर्म का संदेश फैलाने और औद्योगीकरण का प्रचार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 1754 में अपने पति की मृत्यु के बाद, अहिल्याबाई ने इंदौर राज्य का प्रशासन संभाला। उन्होंने 30 वर्षों तक शासन किया और उन्हें मराठा साम्राज्य के सबसे सफल शासकों में से एक माना जाता है।

देवी अहिल्या बाई होल्कर का प्रारंभिक जीवन और विवाह

अहिल्याबाई का जन्म 1725 में पुणे के पास चौंडी गांव में हुआ था। उनके पिता मनकोजी राव शिंदे एक मराठा सेनापति थे। उनकी शादी होलकर वंश के संस्थापक मल्हार राव होलकर के बेटे खांडेराव होलकर से हुई थी।

देवी अहिल्या बाई होल्कर
देवी अहिल्या बाई होल्कर

महारानी अहिल्याबाई होल्कर के बारे में

  • 18वीं शताब्दी के दौरान मालवा क्षेत्र में रानी अहिल्याबाई होल्कर के शासन ने समाज पर करुणामय नेतृत्व के प्रभाव का उदाहरण प्रस्तुत किया।
  • उनके शासनकाल की विशेषता न्याय के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता थी, जो निष्पक्ष और सुलभ कानूनी प्रणालियों में प्रकट हुई।
  • अहिल्याबाई ने हाशिए पर पड़े लोगों तक पहुंचने और उन्हें आवाज देने के महत्व को पहचाना।
  • अहिल्याबाई के शासनकाल में महेश्वर एक समृद्ध सांस्कृतिक और बौद्धिक केंद्र के रूप में परिवर्तित हो गया।
  • उन्होंने भव्य मंदिरों, जलाशयों और किलों के निर्माण का समर्थन किया।
  • महेश्वर विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं का संगम बन गया, जिसने विद्वानों, कलाकारों और कारीगरों को आकर्षित किया।
  • अहिल्याबाई की विरासत न्याय और संस्कृति से आगे तक फैली हुई थी।
  • उसने अपने पूरे राज्य में अस्पताल, विश्राम गृह और स्कूल स्थापित किये।
  • अहिल्याबाई मानती थीं कि सच्ची राजनेता का अर्थ दुख को कम करना और कल्याण को बढ़ावा देना है।
  • महारानी अहिल्याबाई होल्कर का शासनकाल प्रबुद्ध शासन तथा करुणा और राजकौशल की परिवर्तनकारी शक्ति का एक चमकदार उदाहरण है।
  • न्याय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता, कला और शिक्षा के संरक्षण तथा करुणा ने मालवा क्षेत्र पर एक अमिट छाप छोड़ी।
  • उनकी विरासत हमें याद दिलाती है कि महानतम नेता अपने दिल और दिमाग से नेतृत्व करते हैं, तथा उन लोगों के उत्थान का प्रयास करते हैं जिन पर वे शासन करते हैं।
देवी अहिल्या बाई होल्कर डाक टिकट
देवी अहिल्या बाई होल्कर डाक टिकट

इस महान महिला शासक की स्मृति में भारत सरकार ने 1966 में स्मारक टिकट जारी किए। इंदौर विश्वविद्यालय और इंदौर हवाई अड्डे का नाम क्रमशः देवी अहिल्या विश्व विद्यालय, इंदौर और देवी अहिल्याबाई होल्कर हवाई अड्डा के रूप में उनके नाम पर रखा गया है।

व्यक्तित्व से सम्बंधित यह लेख अगर आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर करना न भूलें और अपने किसी भी तरह के विचारों को साझा करने के लिए कमेंट सेक्शन में कमेंट करें।

AAFocd1NAAAAAElFTkSuQmCC उद्धव ठाकरे : Uddhav Thackeray

उद्धव ठाकरे : Uddhav Thackeray

AAFocd1NAAAAAElFTkSuQmCC पिंगली वेंकैया : Pingali Venkaiah

पिंगली वेंकैया : Pingali Venkaiah

Shiv Prakash Ji | 1 August

शिव प्रकाश – Shiv Prakash : जन्मदिन विशेष

Total
0
Shares
Leave a Reply
Previous Post
चुनावी मौसम के बीच पीएम मोदी 45 घंटे ध्यान के लिए विवेकानंद रॉक मेमोरियल

चुनावी मौसम के बीच पीएम मोदी 45 घंटे ध्यान के लिए विवेकानंद रॉक मेमोरियल

Next Post
कृष्ण दास - Krishna Das (Jeffrey Kagel)

कृष्ण दास – Krishna Das (Jeffrey Kagel)

Related Posts
Total
0
Share