मोतीलाल नेहरू – Motilal Nehru : जयंती विशेष

Motilal Nehru
Motilal Nehru

मोतीलाल नेहरू ने वकालत छोड़कर अपनी अलग पार्टी की स्थापना की थी।

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में मुख्य भूमिका निभाने वाले और स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू (Motilal Nehru) का जन्म 06 मई, सन् 1861 को आगरा में ब्रिटिश भारत में हुआ था। मोतीलाल नेहरू पेशे से एक वकील और राजनीतिज्ञ थे। मोतीलाल नेहरू के पिता का नाम गंगाधर था, जो एक पुलिस अधिकारी थे और मोतीलाल नेहरू के दादा का नाम लक्ष्मीनाराण था, जो ईस्ट इंडिया कंपनी के पहले वकील थे। मोतीलाल नेहरू कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नेताओं में से एक थे, जिन्होंने अपना जीवन देश को समर्पित कर दिया। मोतीलाल नेहरू को पंडित जवाहरलाल नेहरू के पिता के रूप में ज़्यादा याद किया जाता है।

मोतीलाल नेहरू बायोग्राफी – Motilal Nehru Biography In Hindi

नाम मोतीलाल नेहरू
जन्म तारीख 06 मई, सन् 1861
जन्म स्थानआगरा, उत्तर प्रदेश
पिता का नाम गंगाधर नेहरू
माता का नाम इंद्राणी
पेशावकील, कार्यकर्ता, राजनीतिज्ञ
निधन06 फरवरी, सन् 1931 (इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश)

मोतीलाल नेहरू का जीवन परिचय

आगरा, उत्तर प्रदेश में एक कश्मीरी ब्राह्मण परिवार में जन्में मोतीलाल नेहरू ने बचपन में ही अपने माता-पिता को खो दिया था, जिसके बाद उनकी परवरिश बड़े भाई नंदलाल ने की थी। मोतीलाल नेहरू का बचपन राजस्थान में बीता। उन्होंने अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद इलाहाबाद के एक सेंट्रल कॉलेज से लॉ की डिग्री प्राप्त की। मोतीलाल नेहरू ने लॉ में टॉप करने के बाद वकालत की प्रैक्टिस शुरू कर दी। उन्होंने इलाबाद में रहकर अपने बड़े भाई नंदलाल के साथ वकालात के सभी दांव-पेच सीखे।

मोतीलाल नेहरू का जीवन संघर्ष

मोतीलाल नेहरू को अपने शुरुआती दिनों में काफी संघर्ष देखने को मिला, लेकिन बाद में वह एक बड़े वकील बन गए और उनकी गिनती अमीर लोगों में की जाने लगी। ब्रिटिश हुकूमत के कई अंग्रेजी जज मोतीलाल नेहरू की वकालत के कायल थे और हर कोई उनके काम से प्रभावित था। मोतीलाल नेहरू को उनके पहले केस के लिए पांच रूपये मिले थे, लेकिन वह अपनी मेहनत और लगन से वकालत के पेशे में आगे बढ़ते गए। मोतीलाल नेहरू पहले डॉक्टर बनना चाहते थे, लेकिन बाद में उन्होंने अपना विचार बदलकर कानून और राजनीति के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाया। मोतीलाल नेहरू को फोटोग्राफी का भी शौक था और उनके पास एक खास किस्म का कैमरा भी था। मोतीलाल नेहरू को हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, फारसी, अरबी आदि कई भाषाओं का ज्ञान भी था।

मोतीलाल नेहरू का देश सेवा में योगदान

मोतीलाल नेहरू ने कुछ समय बाद वकालत छोड़ने का फैसला लिया और वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ गए। उन्होंने कांग्रेस पार्टी से अलग होकर स्वराज पार्टी की स्थापना की। देश को ब्रिटिश हुकूमत से आजाद करवाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए वह गांधीजी के साथ उनके सत्याग्रह में शामिल हो गए। गांधीजी और मोतीलाल नेहरू के साथ पंडित जवाहरलाल नेहरू भी आंदोलन में शामिल थे। लेकिन अंग्रेजी सरकार ने पंडित जवाहरलाल नेहरू और उनके पिता मोतीलाल नेहरू को जेल में डाल दिया। जेल से रिहा होने के बाद मोतीलाल नेहरू का 06 फरवरी, सन् 1931 को निधन हो गया और देश को आज़ाद करवाने की आगे की लड़ाई उनके बेटे पंडित जवाहरलाल नेहरू ने गांधी जी के साथ मिलकर लड़ी।

मोतीलाल नेहरू के पुत्र पंडित जवाहरलाल नेहरू का जीवन परिचय

मोतीलाल नेहरू कौन थे और उन्होंने क्या किया?

मोतीलाल नेहरू पंडित जवाहरलाल नेहरू के पिता थे, जो पेशे से एक वकील और राजनीतिज्ञ थे।

मोतीलाल नेहरू की जाति क्या थी?

मोतीलाल नेहरू कश्मीर ब्राह्मण परिवार से थे।

मोतीलाल नेहरू की पत्नी का नाम क्या था?

मोतीलाल नेहरू की पत्नी का नाम स्वरूप रानी था।

सेना, सैनिक एवं रक्षा से सम्वन्धित यह लेख अगर आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर करना ना भूलें और अपने किसी भी तरह के विचारों को साझा करने के लिए कमेंट सेक्शन में कमेंट करें।

pCWsAAAAASUVORK5CYII= एच.डी. देवेगौड़ा - H. D. Deve Gowda : जन्मदिन विशेष

एच.डी. देवेगौड़ा – H. D. Deve Gowda : जन्मदिन विशेष

Ranjana Singh | Chairman Nagar Palika Parishad Sirsaganj

रंजना सिंह – Ranjana Singh : जन्मदिन विशेष

AAFocd1NAAAAAElFTkSuQmCC पंकज उधास - Pankaj Udhas : जयंती विशेष

पंकज उधास – Pankaj Udhas : जयंती विशेष

Total
0
Shares
Leave a Reply
Previous Post
RBSE Result 2024

RBSE Result 2024: कब आ रहा है राजस्थान बोर्ड रिजल्ट 2024?

Next Post
Gopal Krishna Goswami Maharaj

Live Darshan : इस्कॉन आईजीसी अध्यक्ष गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज का निधन

Related Posts
Total
0
Share