भारत का स्वतंत्रता संग्राम भारत के गौरवशाली इतिहास का एक ऐसा दस्तावेज़ है जिसके प्रत्येक पन्ने में देश को स्वतंत्रा दिलाने वाले वीर शहीदों का नाम हमेशा अमर था, अमर है और अमर रहेगा। देश को आज़ादी दिलाने में भारत माँ के अनगिनत सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति दी। इन वीर सपूतों में एक नाम भगत सिंह का भी है। मात्र 23 वर्ष की आयु में देश को आज़ादी दिलाने के लिए भगत सिंह हस्ते हस्ते फांसी के फंदे पर झूल गए। देश और देशवासियों से सच्चा प्रेम करने वाले भगत सिंह ने अपनी माँ से पहले मातृभूमि की चिंता की और अंग्रेज़ी हुकूमत को अपने बुलंद हौसलों के सामने घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।
आज़ादी के ऐसे दीवाने को भला बॉलीवुड कैसे भूल सकता है। हमारे और आपके ज़हन में आज़ादी के दौर में भगत सिंह की स्मृतियों को ज़िंदा रखने के लिए बॉलीवुड ने दर्शकों के लिए भगत सिंह के जीवन पर आधारित कुछ बेहतरीन फिल्में बनाई है। बॉलीवुड के प्रतिभासम्पन्न अभिनेताओं ने इन फिल्मों में भगत सिंह का किरदार निभाया है। इन फिल्मों की खास बात यह है कि आप इन फिल्मों से देश की तत्कालीन परिस्थितियों का अनुमान लगा सकते हैं और आज आप जिस स्वतंत्र देश में बिना किसी रोक टोक के जी रहे हैं उसके लिए आप शहीदों के समक्ष नतमस्तक हो सकते हैं।
भगत सिंह का जन्म 28 सितम्बर 1907 को पंजाब के लायलपुर जिले के बंगा नामक गाँव में एक सिख परिवार में हुआ था। इस दिन को आज भी भगत सिंह जयन्ती के रूप में मनाया जाता है। 23 मार्च 1931 को भगत सिंह को उनके दोस्तों राजगुरु और सुखदेव के साथ अंग्रेज़ों द्वारा लाहौर जेल में फांसी दी गई थी। इस दिन को भगत सिंह की पुण्यतिथि और शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।
द लीजेंड ऑफ भगत सिंह
बॉलीवुड में देशप्रेम के सब्जेक्ट पर काफी बेहतरीन फिल्में बनी हैं। लेकिन शहीद – ए – आज़म भगत सिंह पर बनी इस फिल्म का नाम इस कैटेगरी की बेहतरीन फिल्मों में शामिल है। यह फिल्म राज कुमार संतोषी द्वारा 2002 में बनाई गई थी। इस फिल्म में भगत सिंह का किरदार अजय देवगन ने निभाया था। भगत सिंह के जीवन पर बहुत सी फिल्में बन चुकी हैं, लेकिन भगत सिंह के जीवन पर बनी इस फिल्म को दर्शकों ने सबसे ज़्यादा पसंद किया है। फिल्म की कहानी इस बात के इर्द गिर्द घूमती है कि कैसे एक छोटा बच्चा जवान होते – होते देश का परवाना बन गया और महज़ 23 साल की उम्र में देश पर अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।
23 मार्च 1931: शहीद
बॉबी देओल की फिल्म ’23 मार्च 1931: शहीद’ ठीक उसी दिन रिलीज़ की गई थी जिस दिन अजय देवगन की फिल्म
‘द लीजेंड ऑफ भगत सिंह’ को रिलीज़ किया गया था। फिल्म में भगत सिंह का किरदार बॉबी देओल ने निभाया था। इस फिल्म को गुड्डू धनोआ के निर्देशन में बनाया गया था। फिल्म में बॉबी के साथ उनके बड़े भाई सनी देओल, अमृता सिंह, राहुल देव, सुरेश ओबेरॉय, शक्ति कपूर और दिव्या दत्ता ने एहम किरदारों की भूमिका निभाई थी। ‘मेरा रंग दे बसन्ती चोला’ इसी फिल्म का ही गीत है जिसे दर्शकों ने काफी पसंद किया है।
शहीद
1965 में बनी भगत सिंह के जीवन पर आधारित यह फिल्म देशभक्ति की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि फिल्म की कहानी भगत सिंह के साथी बटुकेश्वर दत्त ने लिखी है। फिल्म के गीतों को अमर शहीद राम प्रसाद ने अपनी आवाज़ दी है। इस फिल्म में मनोज कुमार ने भगत सिंह का किरदार निभाया है। इस फिल्म में उनके साथ कामिनी कौशल, प्राण, निरूपा रॉय, प्रेम चोपड़ा और अनवर हुसैन अहम भूमिकाओं में नज़र आए हैं। इस फिल्म के बाद ही मनोज कुमार ने दर्शकों को देश प्रेम की भावना से ओत प्रोत करने वाली फिल्मों में काम करना शुरू किया था।
शहीद-ए-आजम
शहीद – ए – आजम फिल्म में भगत सिंह का किरदार सोनू सूद ने निभाया था। यह फिल्म भगत सिंह के जीवन पर आधारित बॉबी देओल और अजेय देवगन की फिल्मों से एक हफ्ते पहले रिलीज़ की गई थी। फिल्म में उनके साथ शेखर आज़ाद के रोल में राज जुत्शी चंद्र, सुखदेव थापरी के रोल में मानव विज और शिवराम हरि राजगुरु के रोल में देव गिल हैं। यह फिल्म सुकुमार नैयर के निर्देशन में बनाई गई थी और इस फिल्म की कहानी को लेकर पंजाब और हरियाणा में काफी विवाद भी हुआ था।
शहीद भगत सिंह
शहीद भगत सिंह फिल्म 1963 में रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म को भगत सिंह के जीवन पर बनी पहली फिल्म माना जाता है। इस फिल्म में किसी बड़े अभिनेता ने काम नहीं किया। फिल्म में भगत सिंह का किरदार शम्मी कपूर ने निभाया है। फिल्म का डायरेक्शन केएन बंसल ने किया है। फिल्म में शम्मी कपूर के अलावा प्रेमनाथ, उल्हास और अचला सचदेव का भी अहम रोल है।
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