Maharashtra Day : महाराष्ट्र कैसे बना एक अलग राज्य ?

Maharashtra Day : एक अलग राज्य कैसे बना महाराष्ट्र ?
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भारत देश की स्वतंत्रता के दौरान भारत का नक्शा अलग हुआ करता था। भारतीय नक्शे पर भारत के तमाम राज्य एक ही राज्य को दर्शाते थे। लेकिन जैसे – जैसे समय बदलता गया भारत की भाषिक विविधता और क्षेत्र के आधार पर इन राज्यों को अलग – अलग राज्यों में बाँट दिया गया। वर्तमान समय में भारत में कुल 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश है। भारत का लगभर हर राज्य साल में एक दिन अपना स्थापना दिवस मनाता है। इसी तरह महाराष्ट्र राज्य का स्थापना दिवस 1 मई को मनाया जाता है और इसे महाराष्ट्र दिवस के नाम से संबोधित किया जाता है।

कब मनाया जाता है महाराष्ट्र दिवस ?

हर साल 1 मई को महाराष्ट्र दिवस मनाया जाता है। वर्ष 1960 में इसी दिन महाराष्ट्र राज्य की स्थापना हुई थी। इसके बाद इसे भारत के राज्य के रूप में पहचान मिली थी। इसके बाद से हर साल इस दिन को महाराष्ट्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन राज्य की सरकार द्वारा स्कूलों, दफ्तरों और विश्विद्यालयों में अवकाश दिया जाता है।

महाराष्ट्र कैसे बना एक अलग राज्य ?

स्वतंत्रता के दौरान भारत के अधिकांश राज्यों को बॉम्बे प्रांत से जोड़ा गया था। इस वक्त वहाँ रहने वाले अधिकांश लोग गुजराती और मराठी भाषा बोलते थे। जो लोग मराठी भाषा बोलते थे उनकी मांग थी कि उनके लिए उनकी भाषा के आधार पर एक अलग राज्य का गठन किया जाए। इस मांग को लेकर देश में कई आंदोलन भी हुए। आंदोलनों के परिणामस्वरूप, बॉम्बे पुनर्गठन अधिनियम, 1960 के तहत साल 1960 में महाराष्ट्र राज्य और गुजरात राज्य का गठन किया गया था। इस दौरान संयुक्त महाराष्ट्र समिति का गठन भी किया गया था।

महाराष्ट्र राज्य की महत्वपूर्ण बातें

देश का तीसरा सबसे बड़ा राज्य

क्षेत्रफल के आधार पर महाराष्ट्र भारत का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। महाराष्ट्र राज्य का भौगोलिक क्षेत्र 307,713 किलोमीटर तक फैला हुआ है।

महाराष्ट्र के पड़ोसी राज्य

महाराष्ट्र राज्य का दक्षिण हिस्सा कर्नाटक राज्य से लगता है। वहीं इस राज्य का दक्षिण पूर्व हिस्सा आंध्र प्रदेश और गोवा राज्य की सीमाओं से लगा हुआ है। इसके अलावा महाराष्ट्र राज्य की उत्तरी भाग की सीमा मध्य प्रदेश राज्य से जुड़ी हुई है और राज्य के पश्चिम में अरब सागर है।

महाराष्ट्र विधान सभा

भारतीय राजनीति में इस राज्य की भूमिका बेहद अहम है। इस राज्य में कुल 228 विधानसभा सीटें हैं। वहीं लोकसभा की 543 सीटों में से 48 सीटें इस राज्य की हैं और राज्य सभा में इस राज्य की 19 सीटें हैं।

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