मेजर रामास्वामी परमेश्वरन भारतीय सेना में एक अधिकारी थे। श्री लंका में ऑपरेशन पवन के दौरान उन्हें राष्ट्र के प्रति सर्वोच्च बलिदान के लिए परमवीर चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया था।
- मेजर रामास्वामी परमेश्वरन का जन्म 13 सितंबर, 1946 को बॉम्बे, महाराष्ट्र में हुआ था। उनके पिता का नाम के एस रामास्वामी था और श्रीमती जानकी उनकी माता थी।
- उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा मुंबई से पूरी की। बाद में, उन्होंने 1968 में SIES कॉलेज से विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
- फिर वह OTA, चेन्नई में शामिल हो गए। उन्हें भारतीय सेना की प्रसिद्ध महार रेजिमेंट के 15 महार में नियुक्त किया गया।
- 25 नवंबर, 1987 को ऑपरेशन पवन में एक मुठभेड़ के दौरान उन्होंने वीरगति प्राप्त की।
आधिकारिक प्रशस्ति पत्र (Official Citation)
25 नवंबर, 1987 को जब मेजर रामास्वामी परमेश्वरन श्रीलंका में सर्च ऑपरेशन से लौट रहे थे, तो देर रात उनके काफिले पर उग्रवादियों के एक समूह ने घात लगाकर हमला कर दिया। सूझबूझ का परिचय देते हुए, उन्होंने आतंकवादियों को पीछे से घेर लिया और उन पर धावा बोल दिया, जिससे वे पूरी तरह आश्चर्यचकित रह गए।
आमने-सामने की लड़ाई के दौरान एक उग्रवादी ने उनके सीने में गोली मार दी। निडर होकर, मेजर परमेश्वरन ने आतंकवादी से राइफल छीन ली और उसे गोली मार दी। गंभीर रूप से घायल होने के बाद भी वह अंतिम सांस लेने तक आदेश देते रहे और अपनी पलटन को प्रेरित करते रहे। पाँच आतंकवादी मारे गए। इसके अतिरिक्त, तीन राइफलें और दो रॉकेट लॉन्चर भी बरामद किए गए। और घात लगाकर हमला साफ़ कर दिया गया।
मेजर रामास्वामी परमेश्वरन ने विशिष्ट वीरता और प्रेरक नेतृत्व का प्रदर्शन किया और सर्वोच्च बलिदान दिया, जिसके लिए उन्हें परमवीर चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया।
परमवीर चक्र : 21 परमवीर जो इतिहास के पन्नों में हो गए अमर
कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से 21 अमर बलिदानियों को श्रद्धांजलि !
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