होशियार सिंह दहिया भारतीय सेना के एक बहादुर और कर्तव्यनिष्ठ सैनिक थे, जिन्हें भारत के सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था। उनका जन्म 5 मई 1937 को हरियाणा के सोनीपत ज़िले के सिसाना गाँव में हुआ था। उनका जीवन देशभक्ति, साहस और बलिदान की एक प्रेरणादायक गाथा है।
होशियार सिंह दहिया जीवन परिचय – Hoshiar Singh Dahiya Biography
जन्म | 5 मई 1936 सिसाना, सोनीपत, ब्रिटिश भारत |
देहांत | 6 दिसम्बर 1998 |
निष्ठा | भारत |
सेवा/शाखा | भारतीय थलसेना |
सेवा वर्ष | 1963-1996 |
उपाधि | मेजर (बाद में ब्रिगेडियर) |
दस्ता | 3 ग्रेनेडियर्स |
युद्ध/झड़पें | भारत-पाकिस्तान युद्ध 1965 1971 का भारत-पाक युद्धबसंतसर का युद्ध |
सम्मान | परमवीर चक्र |
सैन्य जीवन की शुरुआत
होशियार सिंह दहिया 1957 में भारतीय सेना की ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट में भर्ती हुए। सेना में अपने प्रारंभिक वर्षों में ही उन्होंने अपनी निष्ठा, अनुशासन और वीरता से सबका ध्यान खींचा। समय के साथ उन्होंने लेफ्टिनेंट कर्नल का पद प्राप्त किया।
1971 का भारत-पाक युद्ध
1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान, होशियार सिंह दहिया 3 ग्रेनेडियर्स के कमांडिंग ऑफिसर थे। यह युद्ध बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए लड़ा गया था। युद्ध के दौरान, उन्होंने श्रीपुर के निकट एक महत्वपूर्ण मोर्चे पर अपनी टुकड़ी का नेतृत्व किया।
उन्होंने अपने साहसिक नेतृत्व में दुश्मन की भारी गोलीबारी का सामना करते हुए महत्वपूर्ण क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद, वे तब तक लड़ते रहे जब तक विजय प्राप्त नहीं हो गई। उनके अद्वितीय साहस और नेतृत्व के लिए उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।
सम्मान और विरासत
लेफ्टिनेंट कर्नल होशियार सिंह दहिया को 1971 में उनकी वीरता के लिए परमवीर चक्र प्रदान किया गया। वे एक प्रेरणा हैं उन सभी सैनिकों के लिए जो देश की रक्षा के लिए जीवन समर्पित करते हैं।
1998 में उनका निधन हुआ, लेकिन उनका साहस आज भी भारतीय सेना और नागरिकों के दिलों में जीवित है।
होशियार सिंह दहिया का जीवन एक सच्चे राष्ट्रभक्त और वीर योद्धा का प्रतीक है। उन्होंने यह दिखा दिया कि सच्चा वीर वही होता है जो संकट की घड़ी में पीछे नहीं हटता, बल्कि आगे बढ़कर देश की रक्षा करता है। उनके बलिदान और वीरता को भारत कभी
परमवीर चक्र : 21 परमवीर जो इतिहास के पन्नों में हो गए अमर
कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से 21 अमर बलिदानियों को श्रद्धांजलि !