हम सभी यह बात बहुत अच्छे से जानते हैं है कि एक व्यक्ति से परिवार बनता है और परिवार से समाज का निर्माण होता है। इसी समाज का एक महत्वपूर्ण पिलर महिलाएं हैं। आज के दौर शायद ही कोई क्षेत्र ऐसा होगा जहाँ महिलाओं की एहम और सशक्त भागीदारी ना हो। रसोई से लेकर खेल जगत तक, मीडिया से लेकर अभिनय की दुनिया तक और शिक्षण से लेकर उद्यम तक सभी क्षेत्रों में महिलाओं ने अपनी एहमीयत को केवल साबित ही नहीं बल्कि तमाम क्षेत्रों की बुलंदियों पर अपने गौरव को स्थापित भी किया है। महिलाओं के इसी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक भागीदारी को उत्सव के रूप में मनाने के लिए 8 मार्च को दुनियाभर में अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। आइए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के बारें में विस्तार से जानते हैं।
खास थीम पर आधारित होता है अंतराष्ट्रीय महिला दिवस
देश – विदेश में अंतराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन को जेंडर इक्वेलिटी से सम्बंधित थीम के साथ मनाया जाता है। 1996 में पहली बार अंतराष्ट्रीय महिला दिवस को एक थीम के तहत मनाया गया था। उस साल संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस विशेष दिन के लिए एक खास थीम रखी गई थी ‘अतीत का जश्न, भविष्य की योजना’। इस मौके पर कई संगठनों द्वारा खास कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। यह खास कार्यक्रम विशेष रूप से महिलाओं के लिए आयोजित किए जाते हैं।
क्यों मनाया जाता है अंतराष्ट्रीय महिला दिवस ?
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का इतिहास 108 साल पुराना है, जब लगभग 15,000 महिलाएं तमाम मुद्दों को लेकर अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर की सड़कों पर उत्तरी। इन महिलाओं द्वारा कुछ ऐसे मुद्दे उठाए गए जिन्हे उस दौरान न्यूयॉर्क की सरकार द्वारा नज़रअंदाज़ किया जा रहा था। इन मुद्दों में महिलाओं के काम के घंटे कम करने, बेहतर तनख्वाह देने और मतदान के अधिकार की मांग शामिल थी।
महिलाओं द्वारा किया गया यह विरोध प्रदर्शन काफी प्रभावी साबित हुआ और इस विरोध प्रदर्शन के एक साल बाद अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की मंज़ूरी दे दी। महिला दिवस को अंतराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का विचार जर्मन मताधिकारवादी और महिला कार्यालय की नेता ‘क्लारा ज़ेटकिन’ का था।
क्लारा ज़ेटकिन ने वर्ष 1910 में विश्व स्तर पर महिला दिवस मनाने का प्रस्ताव दिया था। पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस वर्ष 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटज़रलैंड में मनाया गया था। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को औपचारिक रूप से मान्यता वर्ष 1975 में उस वक़्त मिली, जब संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसे मनाना शुरू किया।
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस कैसे मनाया जाता है ?
वैसे तो हर दिन महिलाओं के बिना कुछ अधूरा सा है, लेकिन इस दिन महिलाओं को स्पेशल फील कराया जाता है। घर हो या ऑफिस सभी जगह महिलाओं की एहमीयत को और उनके अचीवमेंट्स को सराहा जाता है। ऐसे करने के लिए उन्हें खास तोहफे दिए जाते हैं। इस दिन कुछ कार्यालयों में महिलाओं को अवकाश भी दिया जाता है। वास्तव इस दिन महिलाओं को यह बताने में फोकस किया जाता है कि वो कितनी खास हैं। उनके बिना इस सृष्टि का अस्तित्व असंभव है।